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1 साल में तीन-तीन DGP फिर भी खाली है UP पुलिस के मुखिया का सरकारी बंगला

लखनऊ. यूपी के नए डीजीपी की चर्चा के साथ ही डीजीपी के सरकारी आवास की भी इन दिनों चर्चा है. कहा जाता है कि यूपी के डीजीपी का पता हो गया है लापता. यूपी के डीजीपी का आधिकारिक निवास स्थान 1 तिलक मार्ग है लेकिन पिछले साल की 13 मई से बंगला खाली पड़ा है. पिछले साल 11 मई को तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाने के बाद तत्कालीन डीजी इंटेलिजेंस डॉक्टर देवेंद्र सिंह चौहान को यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था. मार्च 2023 में डॉ देवेंद्र सिंह चौहान भी रिटायर हो गए लेकिन मई से लेकर मार्च तक डॉ डीएस चौहान कभी भी इस आवास में रहने के लिए नहीं आए.

इस दौरान डीजीपी के सरकारी आवास का रंग रोगन भी किया गया, मरम्मत भी की गई, सजावट भी हुई. साफ-सफाई और सिक्योरिटी से लेकर तमाम ड्यूटी रोज लगती हैं लेकिन रहने कोई नहीं आता. 1 अप्रैल 2023 को डॉ राजकुमार विश्वकर्मा को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया. विश्वकर्मा भी इसी 31 मई को रिटायर हो जाएंगे लेकिन इस दौरान डॉ आरके विश्वकर्मा भी कभी इस बंगले में नहीं आए. इस बंगले के मेन गेट की दाईं तरफ एक बोर्ड लगा होता था जिस पर लिखा होता था 1 तिलक मार्ग, आवास, डीजीपी उत्तर प्रदेश. वहीं गेट के बाईं तरफ यूपी के डीजीपी का नाम लिखा होता था. लेकिन पिछले साल से ऐसा कुछ नहीं दिखा. सूत्रों की मानें तो यूपी को स्थाई डीजीपी देने की प्रक्रिया भी अब तक शुरू नहीं हुई है लिहाज़ा 1 जून को एक बार फिर यूपी को एक कार्यवाहक डीजीपी मिलेगा. नए डीजीपी की चयन प्रक्रिया में यूपीएससी के नियमों के मुताबिक सीनियरिटी लिस्ट में टॉप तीन अफसरों में से एक अफसर को राज्य सरकार को डीजीपी बनाना होता है. यूपी कैडर के आईपीएस अफसरों की सीनियरिटी लिस्ट की बात करें तो इसमें सबसे ऊपर 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल का नाम आता है. दूसरे नंबर पर 1988 बैच के विजय कुमार और तीसरे नंबर पर 1988 बैच के ही आनंद कुमार का नाम आता है. ऐसे में अब देखना होगा कि यूपी को 1 जून को कोई स्थाई डीजीपी मिलता है या कार्यवाहक. हालांकि कार्यवाहक डीजीपी मिलने की ही पूरी उम्मीद है. कार्यवाहक डीजीपी मिलता है तो क्या वो इस आवास में रहने आएगा या यहां पर पिछले एक साल की तरह पसरा रहेगा सन्नाटा, ये भी एक बड़ा सवाल है.

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