हॉस्टल कर्फ्यू के समय पर केरल हाईकोर्ट की फटकार…

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केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए कर्फ्यू लगाने को लेकर सरकार की जमकर खिंचाई की है. कोर्ट ने प्रशासन से जानकारी मांगी कि लड़कियों पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाता है जबकि ‘पुरुष… ज्यादा परेशानी पैदा करते हैं’.

लाइव लॉ वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा, “पुरुषों को बंद कर दें. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि वे अधिक परेशानी पैदा करते हैं. रात 8 बजे के बाद पुरुषों पर कर्फ्यू लगाएं और लड़कियों को बाहर जाने दें. इस आधुनिक समय में किसी भी तरह के पितृसत्तावाद को अस्वीकार कर दिया गया है. लड़कियां खुद की देखभाल करने में लड़कों की तरह ही सक्षम हैं. अगर सुरक्षा की आवश्यकता है, तो कर्फ्यू लगाने की बजाय राज्य और अधिकारियों की मदद लें. केरल के उच्च शिक्षा विभाग ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में छात्राओं के लिए समय को लेकर कर्फ्यू लगाने की अधिसूचना जारी की थी. केरल कोर्ट का यह फैसला इसको लेकर ही आया है. कर्फ्यू की अधिसूचना आने के बाद छात्रों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. नोटिस में कहा गया है कि लड़कियां रात के साढ़े नौ बजे के बाद हॉस्टल से बाहर नहीं जा सकतीं. जबकि पुरुष छात्रों के लिए ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है. वहीं, केरल सरकार ने दावा किया है कि यह नोटिस मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उनके माता-पिता चिंतित थे. माता-पिता के अनुरोधों पर विचार करने के बाद ही यह नोटिस जारी की गई थी. सरकार के इस दावे पर हाईकोर्ट ने कहा, सरकार का कर्तव्य सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित कैंपस सुनिश्चित करना है, लड़कियों के एक दायरे में बंद नहीं करना है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कर्फ्यू लागू करने को लेकर कोई ठोस कारण बताने को कहा है. कोर्ट का कहना है कि जो नोटिस लड़कियों को कैंपस में रात 9.30 बजे के बाद निकलने से रोकता है… इसकी अनुमति क्यों दी जानी चाहिए?

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