जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रणजीत कुमार की अदालत ने बहुचर्चित जनार्दन सिंह हत्याकांड मामले में मंगलवार को भाजपा नेता विजय सिंह विद्यार्थी व प्रमोद कुमार सिंह को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 25 वर्ष पूर्व 3 अक्टूबर 2000 को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के इटौरी बाजार का है। वादी अनिरुद्ध सिंह निवासी उड़ली सरायख्वाजा ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनके भाई जनार्दन सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना से चार दिन पूर्व वादी का भतीजा देवेंद्र सिंह बाजार गया था, जहां सोनिकपुर निवासी अजय कुमार ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसके काम में किसी ने दखल दिया, तो गोली मार दी जाएगी। इस पर वादी ने एक पंचायत बुलाई, जिसकी जानकारी अजय समेत विजय सिंह विद्यार्थी को हो गई। इस पर वे लोग नाराज़ हो गए। वारदात वाले दिन वादी का भाई जनार्दन सिंह और भतीजा देवेंद्र जब इटौरी बाजार से लौट रहे थे, तभी दो मोटरसाइकिलों से अजय कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह पुत्रगण तिलकधारी सिंह निवासी सोनिकपुर तथा प्रमोद कुमार सिंह पुत्र सूबेदार सिंह, निवासी सरायख्वाजा पहुंचे। विजय और प्रमोद ने जनार्दन को पकड़ लिया और अजय ने फायरिंग कर दी, जिससे जनार्दन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। गोली चलने की आवाज पर वादी और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन हमलावरों ने चेतावनी दी कि जो पास आएगा, उसे भी गोली मार देंगे। बाद में सभी आरोपी एक ही मोटरसाइकिल से भाग निकले। दूसरी बाइक घटनास्थल पर ही छूट गई। पुलिस ने मामले की विवेचना कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। सरकारी वकील अरुण कुमार ने प्रभावी पैरवी करते हुए गवाहों के माध्यम से आरोपियों की भूमिका अदालत में स्पष्ट की। दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद न्यायालय ने विजय सिंह विद्यार्थी और प्रमोद कुमार सिंह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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