- शिया मुसलमानों ने जोशो खरोश से मनाया ईदे गदीर
जौनपुर धारा, जौनपुर। शिराज़े हिन्द जौनपुर में ईदे गदीर 18 ज़िल्ल हिज्जा के मौके पर शिया मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में सुबह से ही जोशो खरोश नज़र आया। लोगों ने नये-नये लिबास पहने खुशबू लगाई एक दूसरे को मुबारकबाद दी। भाईचारा का पैग़ाम देकर एक दूसरे से मोहब्बत के साथ रहने का वादा किया। मस्जिदों में आमाले ईदे गदीर अन्जाम दिया। ईदे गदीर 18 ज़िल्ल हिज्जा इस्लाम में उस ईद को कहते हैं। जिसमें पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व)ने 18 जिल्ल हिज्जा को मक्का से वापस होते वक़्त गदीरे ख़ुम नामक स्थान पर अल्लाह के हुक्म से एक ख़ुत्बे के ज़रिए हज़रत अली (अ.स.) को अपना जानशीन (उतराधिकारी) बनाया और मौला अली अलैहिस्सलाम की विलायत का ऐलान किया। इस वाक़्ये का ज़िक्र में मुसलमानों के दोनों फिरकों शिया-सुन्नी की बहुत सी हदीसों की किताबों में मिलता है। इस सिलसिले में ईदे गदीर के मौके पर शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में काफी तादाद में मोमनीन ने पहूंचकर ईदे गदीर की नमाज़ पढ़ी और अमाल किया। मौलाना आबिद आगा नजफी ने ईदे गदीर के मखसूस अमाल कराए दुआएं और जियारत अमीरूल मोमनीन हज़रत अली (अ.स) पढ़ाई इस मौके पर आयोजित महफ़िल में मोमनीन को खिताब करते हुए कहा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम की विलायत का इक़रार मुसलमानों के ईमान की गारंटी है। ईदे गदीर अज़ीम ईद है इस दिन सदक़ा देना, मोमनीन को खाना खिलाना, रिश्तेदारों, पड़ोसियों की खबरगीरी करने का सवाब है। उन्होंने ईदे ग़दीर की अहमियत पर रोशनी डाली और मौला अली अ.स.के फज़ायल ब्यान किए सैय्यद असलम नक़्वी ने ईदे ग़दीर की मुनासिबत से क़सीदा पढ़ा नज़रे मौला के बाद मिल्लत और देश के अमन के लिए मौलाना आबिद आग़ा ने दुआ कराई। शिया जामा मस्जिद नवाब बाग वक़्फ इन्तेज़ामिया कमेटी के मुतवल्ली/सचिव शेख, अली मंज़र डेज़ी ने ईदे ग़दीर की मुबारकबाद दी और देशवासियों की खुशहाली के लिए दुआ की। इस मौके पर जामा मस्जिद इन्तेज़ामिया कमेटी के मेम्बरान नासिर रज़ा, गुड्डू मोहम्मद शादां के अलावा इमरान खान, मेराज हैदर, शहबाज़ हुसैन शीराज़ी, कौसर बाबा, परवेज़ खां, मोहम्मद अमीर रज़ा सैय्यद ताबिश अब्बास, कुमेल मेहंदी शहरयार, अहमद ने भी मोमनीन को ईदे गदीर की मुबारकबाद पेश की।