- सीएमएस खुद समय पर नहीं पहुंच रहे अस्पताल, तो लोगों पर कैसे कसे कमान
जौनपुर। इन दिनों जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं की जिंदगी भगवान भरोसे है। चिकित्सक कभी भी समय से नहीं पहुंचते। जिससे मरीजों को लम्बे इंतजार से गुजरना पड़ता है। वहीं अगर कोई केस इरमजेन्सी हो तो मामला मरीज के जान पर भी आ सकता है। रोज-रोज इन बातों की शिकायत मिलने के बाद जौनपुर धारा टीम सच्चाई खंगालने सुबह जिला महिला अस्पताल पहुंची, और वहां फैली अनियमितताओं को अपने कैमरे में कैद कर लिया।

महिला जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही का खामियाजा महिला मरीजों को भोगना पड़ता है। अस्पताल खुलने का समय सुबह आठ बजे है लेकिन डाक्टर अपने मनमाफिक समय पर पहुंचते हैं। जिम्मेदार भी इस समस्या से मुंह मोड़े रहते हैं। घंटों इंतजार के बाद जब मरीजों को डाक्टर नहीं मिलते तो वह प्राइवेट नर्सिंग होम का सहारा लेने को मजबूर होते हैं। शनिवार की सुबह महिला अस्पताल की पड़ताल करने पर हकीकत कुछ इस तरह से सामने आई। कोई भी चिकित्सक लगभग 11बजे तक मौके पर मौजूद नहीं था। इधर इलाज कराने आए मरीज बाहर चेयर में बैठकर उनका इंजतार कर रहे थे। हालात यह थे कि 10.45 तक डॉक्टर गायब थे। ओपीडी के बाहर बड़ी संख्या में मरीज उनका इंतजार कर रहे थे। महाराजगंज से आई से आई सोनू देवी और जमालापुर से आई आशा देवी ने बताया कि जब सीएमएस ही लेटलतीफ अस्पताल पहुंच रहें है तो चिकित्सकों की कौन चलाएगा। महिलाओं ने यह भी बताया कि पर्चा बनवाने के बाद उन्हें दिखाने के लिए घंटों चिकित्सकों का इंतजार करना पड़ता है। बाहर बड़ी संख्या में मरीज उनका इंतजार कर रहे थे। प्रसव कक्ष की हालत यह रही कि यहां पर हर प्रसूता भगवान भरोसे ही बच्चे को जन्म देती है। यहां की व्यवस्था नसौर के भरोसे रहती है। दिन हो या रात डाक्टर अक्सर आनकाल रहते हैं। गंभीर केस आने पर ही उन्हें बुलाया जाता है।
सुबह 10.45बजे मरीज करतें चिकित्सक का इंतजार
जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में डाक्टरों की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। यहां पर बैठे मरीज डाक्टरों का इंतजार कर रहे थे। मरीज सुबह आठ बजे से डाक्टर का इंतजार करतें रहें। लेकिन 10.45 तक कोई भी चिकित्सक अपनी कूर्सी पर मौजूद नहीं मिला।
शासनादेश का चिकित्सकों को नहीं है कोई असर
शासनादेश के बाद सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक नहीं पहुंच रहें है। है। आदेश में यह भी कहा गया था कि सुबह 8 बजे तक सभी ड्यूटी पर पहुंच जाए। लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जौनपुर धारा की टीम शनिवार की सुबह 8बजे जिला महिला अस्पताल पहुंच गई। टीम ने देखा कि अभी तक डॉक्टर नदारद है। ओपीडी तो खुल गया था। लेकिन अंदर केबिन में डॉक्टर नहीं थे। यह दृष्य सुबह के लगभग 11बजे तक देखा गया।
जिम्मेदारों का यह है हाल
इस बाबत जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात किया गया तो उन्होने साफ तौर पर कहा कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं है तो मुख्य चिकित्सक डॉ.एम के.गुप्ता से बात किया जा सकता है। ये जिम्मेदारी उनकी बनती है कि चिकित्सक कहां नदारत है। उधर सीएमएस से इस बाबत जानकारी चाही गई तो वह खुद ही अपने कूर्सी से नदारत है। अब इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों के स्वास्थ को लेकर जिले के आला कमान कितने गंभीर है। सीएमओ ने बजाय इस बात की जानकारी करने के की चिकित्सक क्यों नदारत है, उल्टा यह कहते हुए पाई जा रहीं हैं कि यह जिम्मेदारी सीएमएस की है।