राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली परेड में पहली बार सीमा सुरक्षा बल के ऊंट दस्ते में महिलाएं भी शामिल हो रही हैं. बीएसएफ के हवाले से यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी. इस बार की गणतंत्र दिवस परेड में सशस्त्र बलों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, दिल्ली पुलिस, नेशनल कैडेट कोर और एनएसएस के 16 मार्चिंग दलों के साथ 19 सैन्य पाइप और ड्रम बैंड शामिल हो रहे हैं.
ऊंट दस्ते के लिए इतनी महिलाओं को चुना गया
रिपोर्ट के मुताबिक, 24 महिलाओं को ऊंट की सवारी का प्रशिक्षण दिया गया था, उनमें से 12 को परेड में शामिल करने के लिए चुना गया है. बीएसएफ के ऊंट दस्ते के कमांडर एमएस खीची ने बताया कि इन महिलाओं ने इससे पहले बीएसएफ की स्थापना दिवस परेड में भी हिस्सा लिया था.
ये महिला जवान करेंगी मार्च
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ के पारंपरिक मार्ग से विजय चौक से लाल किले तक बीएसएफ की जो ऊंट सवार महिला मार्च करेंगी, उनमें सोनल, निशा, भगवती, अंबिका, कुसुम, प्रियंका, कौशल्या, काजल, भावना और हिना के नाम शामिल हैं.
वर्दी बनाई गई है खास
ऊंट दस्ते में शामिल महिलाएं गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं. महिला जवानों के लिए विशेष शाही वर्दी डिजाइन कि गई हैं, जिनमें भारत की शिल्प कलाओं को उकेरा गया है. वर्दियों को मशहूर फैशन डिजाइनर ने असेंबल किया है. इनमें प्रतिष्ठित जोधपुरी बंदगला शामिल है, जो एक क्लासिक लुक देता है. बीएसएफ के मुताबिक, वर्दियों पर 400 साल पुरानी डंका तकनीक के जरिये हाथ से जरदोजी का काम किया गया है. वर्दी में राजस्थान के मेवाड़ में पहनी जाने वाली विशेष पगड़ी भी शामिल है.