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Homeउत्तर प्रदेशसाहब! मेरे बेटे मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं...

साहब! मेरे बेटे मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं…

इटावा. यूपी के इटावा से दर्द भरी कहानी सामने आई है. यहां दो संपन्न बेटों ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को घरबार से बेदखल कर दिया है. उनकी संपत्ति कब्जा ली है. अब दोनों बुजुर्ग खाने-पीने और दाने-दाने को मोहताज हैं. बुजुर्ग दंपत्ति ने प्रशासन के दरबार में न्याय की गुहार लगाते हुए दस्तक दी है. बुजुर्ग दंपत्ति का दर्द अधिकारियों के सामने छलक पड़ा. दोनों दुकान और घर पर कब्जे की शिकयत लेकर अधिकारियों के सामने पेश हुए। जिसके बाद एसडीएम ने बेटों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है.

पूरा मामला जसवंतनगर क्षेत्र का बताया जा रहा है. समाधान दिवस के अवसर पर जसवंतनगर में एक बुजुर्ग दंपति अपने पुत्रों की शिकायत लेकर अधिकारियों के समक्ष पेश हुए और अपने पुत्रों के द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से अवगत करवाया. बच्चों की परविरश में माता-पिता अपनी खुशियों को कुर्बान कर देते हैं, लेकिन जब वही बेटा बड़ा होकर बुढ़ापे की लाठी बनने की बजाए बेइज्जती करता है, तो दिल आहत हो जाता है. बुजुर्ग दंपत्ति ने कहा, ” साहब मेरे बेटे मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं. खाने के नाम पर बेटे गाली गलौज करते हैं. मुझे न्याय दिला दो साहब.” लड़खडाती आवाज में वृद्ध दम्पति थाना समाधान दिवस के मौके पर एसडीए से गुहार लगाने पहुंचे. थाना समाधान दिवस के अवसर पर एसडीएम की अध्यक्षता में 75 वर्षीय वृद्ध महिला सरोज गुप्ता अपने 80 वर्षीय पति शान्ति स्वरूप गुप्ता के साथ रोते बिलखते हुए गुहार लगाने पहुंची. उन्होंने अपने 2 बेटों के खिलाफ भरण-पोषण न करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित दम्पति ने बताया कि उसके तीन बेटे व एक बेटी है. उसके एक बेटे ने अपना सामान लेकर घर त्याग दिया है. पुत्री का विवाह हो चुका है. मेरे दो पुत्र संदीप गुप्ता व शैलेन्द्र गुप्ता मेरे साथ गाली-गलौज करते हैं. दोनों बेटे मुझे अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं. बीमार रहने पर इलाज भी नहीं कराते व आये दिन हम लोगों को परेशान करते रहते हैं. बोलते हैं कि दुकान और मकान का बंटवारा करके हम दोनों को दे दो तभी हम तुम्हें रोटी खिलाएंगे. साहब मुझे न्याय दिला दो.एसडीएम कौशल कुमार ने बताया कि दम्पति ने अपने जिन दो बेटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, उन्हें नोटिस जारी कर मां-बाप का भरण पोषण करने के निर्देश दिए जाएंगे. उनके पुत्रों के ऊपर भरण पोषण न करने की कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई भी की जाएगी. वृद्ध व्यक्तियों की देखरेख और सुरक्षा के उद्देश्य से माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया है. कोई भी वरिष्ठ नागरिक, जिसकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, इसमें वे माता-पिता भी आते हैं, जो खुद कमाने में असमर्थ हैं, वे अपने बालिग बेटा, बेटी, पौत्र, पौत्री से भरण-पोषण खर्च पाने की पात्रता रखते हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए वरिष्ठ नागरिक अपने क्षेत्र के एसडीएम कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. अधिकतम दस हजार रुपए प्रति महीने भरण-पोषण खर्च दिलाया जा सकता है. ’वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा योजना 2016 शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्येक स्तर पर विधिक सहायता, सलाह, परामर्श को सुदृढ करना, उन्हें विभिन्न विधिक प्रावधानों के लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना, सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों तक पहुंच सुनिश्चित करना और पुलिस, स्वास्थ्य देखभाल प्राधिकरणों एवं जिला प्रशासन आदि के साथ सहयोग कर तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं एवं शारीरिक एवं सामाजिक सुरक्षा उपाय करने के लिए तरीके खोजना है.

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