Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

जलजमाव से बचाने के लिए गांववासियों ने खुद करवाई नाली की खुदाई

जौनपुर। मछलीशहर विकास खण्ड के चितांव गांव के ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी सहायता के गांव के लोगों ने जलजमाव से निजात पाने के...
Homeअपना जौनपुरवैश्विक समरसता और शांति का माध्यम है योग : कुलपति

वैश्विक समरसता और शांति का माध्यम है योग : कुलपति

  • जीवन प्रबंधन का महत्वपूर्ण उपकरण है योग : डॉ.स्वरूप

जौनपुर। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025के उपलक्ष्य में वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने एक दिवसीय ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘ज्ञान और अनुभव का संगमÓ का आयोजन किया गया। इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में  भारत सहित अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जर्मनी से लोगों ने प्रतिभाग किया। जिनमें शिक्षाविद, शोधार्थी, योग विशेषज्ञ और विद्यार्थी शामिल थे। यह संगोष्ठी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति के निर्देशन में ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थÓ अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य योग की भारतीय परंपरा को वैश्विक संदर्भ में प्रस्तुत करते हुए आधुनिक बौद्धिक विमर्श से जोड़ना रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  कुलपति प्रो.वंदना सिंह कहा कि ‘योग तन, मन और आत्मा का समन्वय है, जो न केवल व्यक्तिगत सशक्तिकरण बल्कि वैश्विक समरसता और शांति का माध्यम भी है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय निरंतर योग प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से इस परंपरा को प्रोत्साहित कर रहा है। संगोष्ठी में इंटरनेशनल फैकल्टी, आर्ट ऑफ लिविंग, वियतनाम के डॉ.स्वरूप चटर्जी ने योग एक वैश्विक जीवनशैली पर व्याख्यान दिया और प्रतिभागियों को सूक्ष्म योग का प्रशिक्षण भी प्रदान किया। उन्होंने योग को मानसिक स्वास्थ्य और जीवन प्रबंधन का महत्वपूर्ण उपकरण बताया। साथ ही साथ प्रतिभागियों को अपने कार्यालय मे बैठे-बैठे सूक्ष्म योग का प्रशिक्षण दिया। सीनियर फैकल्टी, आर्ट ऑफ लिविंग, लखनऊ के श्री प्रदीप कुमार पाठक ने ‘योग की भारतीय परंपरा और समकालीन समाज में इसकी भूमिकाÓ पर अपने विचार रखते हुए ध्यान, प्राणायाम और सकारात्मक चिंतन को जीवन के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि ‘योग तनाव प्रबंधन का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.प्रमोद कुमार यादव ने स्वागत वक्तव्य में युवाओं में योग के प्रति जागरूकता को आवश्यक बताया। समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ.राज बहादुर यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रो. मानस पाण्डेय ने विषय प्रवर्तन में योग को ‘ज्ञान और अनुभव का संगमÓ बताया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रो.गिरिधर मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ.धीरेन्द्र चौधरी ने किया। कार्यक्रम में डॉ.मंजू सिंह, डॉ.समरदीप सक्सेना, प्रो.बी.डी.शर्मा, प्रो.मनोज मिश्र, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो.देवराज सिंह, डॉ.रशिकेश, डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ.श्याम कन्हैया, डॉ.मनोज पाण्डेय, डॉ.शशिकांत और डॉ.अनुराग मिश्र सहित अन्य शिक्षक व बड़ी संख्या में विद्यार्थी की उपस्थित रहे।

Share Now...