मिर्जापुर. यूपी के मिर्जापुर जनपद के पटेहरा ब्लॉक में पैदा हो रहे डच गुलाबों की खुशबू से अवध क्षेत्र महक रहा है. किसान नजम अंसारी ने पंरपरागत खेती को छोड़कर प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले गुलाब के फूल की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें सलाना लाखों की कमाई भी हो रही है. अमूमन डच गुलाब की खेती सबसे ज्यादा गोवा और पुणे में की जाती है, लेकिन अब किसान नजम अंसारी ने विंध्य जैसे पहाड़ी अंचल में संभव करके दिखा दिया है, जहां पानी मिल पाना कठिन होता है.
डच गुलाब कई प्रकार का होता है, लेकिन अब यह फूल मिर्जापुर के पटेहरा ब्लॉक में पथरीली जमीन पर पॉली हाउस के अंदर उग रहे हैं. यहां लाल, पीला, गुलाबी और सफेद के साथ ही कई अन्य कलर के डच गुलाब के फूल हो रहे हैं. दरअसल किसान अंसारी ने शादी समारोह, स्वागत सत्कार और अन्य कार्यक्रमों में इस फूल की बढ़ती मांग को देखते हुए पटेहरा ब्लॉक के करौंदा गांव में डच गुलाब के कई किस्मों को उगा दिया है. किसान नजम अंसारी ने बताया कि डच गुलाब की खेती 60 लाख रुपए की लागत से एक एकड़ में शुरू की थी. आज उन्हें सलाना इस खेती से लगभग 22 लाख रुपए की बचत हो जाती है. उन्होंने बताया कि डच गुलाब के पौधे को एक बार लगाने पर लगभग 6 साल तक यह फूल देता है. इन फूलों की सप्लाई मिर्जापुर के साथ बनारस, लखनऊ और कानपुर में की जाती है. इसके साथ नजम अंसारी ने बताया कि कट फूलों के साथ ही बुके के रूप में भी इसकी बिक्री होती रहती है. मिर्जापुर के जिला उद्यान अधिकारी मेवा राम ने बताया कि हमारे जनपद में सरकार से प्राप्त अनुदान की मदद से डच रोज की खेती की जा रही है. गुलाब की खेती से किसान को काफी फायदा हो रहा है. उन्होंने बताया कि पहले साल को छोड़ दिया जाए तो मिर्जापुर में उगने वाले फूलों का साइज भी काफी बड़ा है. इस वजह से किसान भी काफी प्रसन्न है, तो इसकी बनारस, कानपुर और लखनऊ तक सप्लाई की जा रही है. साथ ही कहा कि इस खेती का दायरा और भी बढ़ाने जा रहे हैं.