दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप आते रहते हैं. भूकंप से होने वाली तबाही को लोगों ने बेहद करीब से देखा है. हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके भी महसूस किए गए. हालांकि, हमारे यहां जो भूकंप के झटके आए, वो बस दिन में एक बार ही रिकॉर्ड किए. मगर एक जगह ऐसी है, जहां 1000 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आए हैं. इसकी वजह से इस जगह को पूरी तरह से बंद करना पड़ा है.
दरअसल, यूरोपीय देश आइसलैंड में एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट है, जिसे ब्लू लगून के तौर पर जाना जाता है. इसे पर्यटकों के लिए 16 नवंबर तक बंद कर दिया गया है. आइसलैंड के मौसम विभाग के मुताबिक, रेक्जनेस प्रायद्वीप क्षेत्र में पिछले 24 घंटे के दौरान 1400 के करीब भूकंप के झटके रिकॉर्ड किए गए हैं. इसमें से सात भूकंप के झटके ऐसे थे, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर तीव्रता चार या उससे ज्यादा मापी गई है. जिस जगह पर भूकंप आ रहे हैं, वहीं पर ब्लू लगून भी मौजूद है. रेक्जनेस प्रायद्वीप क्षेत्र आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिम में मौजूद है. जमीन का ये टुकड़ा पश्चिम में उत्तर अटलांटिक महासागर की ओर है. राजधानी रेक्विक से इसकी दूरी ज्यादा नहीं है. ब्लू लगून के अलावा यहां देश का प्रमुख एयरपोर्ट केफ्लाविक इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी मौजूद है. आइसलैंड को दुनिया में ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिए सबसे एक्टिव जगह के तौर पर जाना जाता है. इस प्रायद्वीप में दरार वाली घाटियां, लावा फील्ड्स और कोन्स वाले इलाके मौजूद हैं. ब्लू लगून रेक्जनेस प्रायद्वीप में मौजूद है और राजधानी से 50 मिनट की दूरी पर है. नेशनल जियोग्राफिक ने इसे दुनिया के 25 मॉडर्न वंडर्स में से एक घोषित किया हुआ है. इंसानों के जरिए बनाया गया ये दुनिया का सबसे बड़ा जियोथर्मल मिनरल बाथ है. यहां पर जियोथर्मल पूल्स मौजूद हैं, जो दुनियाभर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. ब्लू लगून पूरी तरह से नीला है और लोग इसमें नहाने के लिए कोने-कोने से पहुंचते हैं.
वैसे तो आइसलैंड में भीषण सर्दी पड़ती है और तेज हवाएं चलती हैं. मगर ब्लू लगून को कुछ खास तत्वों से भरे हुए स्पा के तौर पर जाना जाता है. कहा जाता है कि इसके पानी में त्वचा संबंधी बीमारियों को ठीक करने की काबिलियत है. लगून का पानी नीला है और इसमें से भाप उठती रहती है. जिन लोगों को त्वचा संबंधी बीमारी होती है, वो यहां इस उम्मीद में आना पसंद करते हैं कि उनकी तबीयत ठीक हो जाएगी.