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लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर जुटे खालिस्तानी समर्थक

विदेशी जमीन पर भारत के खिलाफ खालिस्तानी समर्थकों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. शनिवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर 30-40 खालिस्तानी जमा हुए. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान स्मोक फ्लैश का इस्तेमाल किया और भारत विरोधी बातें कहीं. इस दौरान लंदन में ‘किल इंडिया’ नाम से एक रैली भी निकाली गई, जिसका नेतृत्व परमजीत सिंह पम्मा ने किया. परमजीत सिंह पम्मा खालिस्तानी आतंकी है, जिसकी एनआईए को तलाश है. वह खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान का नेतृत्व करता रहा है और इसके लिए उसे आतंकवादी घोषित किया गया है. खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारतीय उच्चायोग के बाहर किए गए विरोध प्रदर्शन फोटो-वीडियो भी सामने आए हैं. 

बता दें कि खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा बुलाए गए प्रदर्शनकारियों का एक छोटा समूह शनिवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर एकत्र हुआ था. विरोध प्रदर्शन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम के चित्रों वाले विवादास्पद पोस्टर भी दिखाई दिए जो भारत विरोधी बयानबाजी को भड़काने के लिए काफी थे. हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन विवादित और चर्चित पोस्टरों के बावजूद विरोध प्रदर्शन में अपेक्षाकृत कम लोग शामिल हुए. पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस मौजूद रही और कुछ देर में यह प्रदर्शन समाप्त हो गया. रैली से पहले, ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने गुरुवार को कहा कि ‘सोशल मीडिया पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत विरोधी हमलों और पोस्टरों के उभरने में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘उच्चायोग में कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है. उन्होंने ट्वीट किया, “लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हमने @VDoraiswami और भारत सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि उच्चायोग में कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.’ उच्चायोग में पहले भी ऐसी ही कुछ घटनाओं होती रही हैं. इसी साल मार्च में भारतीय तिरंगे को उखाड़ने और खिड़कियां तोड़ने का प्रयास किया गया था. इसके बाद हाल ही में खालिस्तान समर्थक रैली को देखते हुए सुरक्षा उपाय बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए थे. यूके सरकार ने कहा कि वह भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा करने और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक बदलाव लागू करने के लिए मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ काम करेगी.हाल ही में, कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय राजनयिकों का नाम ब्रिटेन में 8 जुलाई की खालिस्तान स्वतंत्रता रैली के लिए पर्चे में शामिल किया गया था. पोस्टरों में दावा किया गया है कि खालिस्तानी हरदीप निज्जर की हत्या के लिए भारत जिम्मेदार है. भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक, खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख निज्जर को 18 जून को कनाडा के गुरु नानक गुरुद्वारा साहिब की पार्किंग में दो अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी.

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