राजकीय मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन, मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

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  • स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत : गिरीश चंद्र यादव

जौनपुर धारा,जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हंस फाउंडेशन की ओर से स्थापित नि:शुल्क 6 बेड की अत्याधुनिक डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने फीता काटकर और दीप प्रज्वलन कर यूनिट का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि यह यूनिट जौनपुर के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है। अब किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को वाराणसी या लखनऊ जैसे बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। यह सुविधा अब उन्हें अपने ही जिले में, अपने ही मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क मिल सकेगी। राज्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन से प्रस्ताव तैयार कर और अधिक डायलिसिस बेड बढ़ाने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इसका लाभ मिल सके। डायलिसिस यूनिट आधुनिक तकनीक से युक्त हैं। यह सभी मशीनें उन्नत मानकों पर आधारित हैं और मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई हैं। डायलिसिस एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें मरीज की खराब किडनी की जगह मशीनों के माध्यम से रक्त को विषैले तत्वों से शुद्ध किया जाता है। यह जीवनरक्षक उपचार है, खासकर उनके लिए जिनकी किडनी पूरी तरह काम करना बंद कर चुकी है। हंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित इस यूनिट में हर डायलिसिस बेड पर प्रतिदिन दो मरीजों के डायलिसिस की व्यवस्था की गई है। यानी प्रतिदिन कुल 12मरीजों का इलाज संभव होगा। संस्था ने मरीजों के सुचारु इलाज के लिए संपूर्ण चिकित्सा टीम की भी व्यवस्था की है। इसमें एक अनुभवी एमबीबीएस चिकित्सक डॉ.सौम्या की देखरेख में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. पुष्कर की तैनाती की गई है। साथ ही, यूनिट में दो प्रशिक्षित टेक्नीशियन, एक स्टाफ नर्स, एक वार्ड बॉय और एक हाउसकीपिंग स्टाफ की भी समुचित व्यवस्था हंस फाउंडेशन द्वारा की गई है। सबसे खास बात यह है कि यह डायलिसिस यूनिट पूर्णतया निशुल्क है। मरीजों को केवल डॉक्टर की सलाह के बाद पंजिका रजिस्टर में अपना स्लॉट बुक कराना होगा, जिसके अनुसार उनका इलाज निर्धारित किया जाएगा। इससे इलाज की प्रक्रिया न केवल व्यवस्थित होगी, बल्कि जरूरतमंद मरीजों को समय से इलाज भी मिल सकेगा। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.रुचिरा सेठी, मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ.जाफरी, आर्थोपेडिक्स के विभागाध्यक्ष डॉ.उमेश सरोज, वरिष्ठ डॉक्टर प्रशासनिक अधिकारी और हंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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