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यूपी में यहां बनती है ‘कॉटन की पट्टी’ बड़े पैमाने पर होती है सप्लाई, यहां जानें प्रोसेस

मुरादाबाद में कॉटन पट्टी का भी बहुत बड़े पैमाने पर व्यापार किया जाता है. यह कॉटन पट्टी वही कॉटन पट्टी है. जो चोट लगने पर बांधी जाती है, जिसका जिले से बड़े पैमाने पर कारोबार होता है. यहीं सेएक्सपोर्ट भी की जाती है. कॉटन पट्टी का कारोबार मुरादाबाद की कांठ विधानसभा में किया जाता है. जैसे ही आप मुरादाबाद की कांठ विधानसभा में प्रवेश करेंगे. तो आपको विधानसभा के हर क्षेत्र में खेतों में कॉटन पट्टी के बड़े-बड़े थान नजर आ जाएंगे. कॉटन पट्टी के कारोबारी का कहना है कि पूरे देश में दो से तीन जगह ही इस कॉटन पट्टी का कारोबार होता है. उनमें से एक मुरादाबाद की कांठ विधानसभा ही शामिल है. जहां पर यह कॉटन पट्टी का कारोबार होता है. कॉटन पट्टी के कारोबारी हाजी मोहम्मद फिरोज ने बताया कि हमारा 60 साल पुराना कॉटन पट्टी का कारोबार है. उन्होंने बताया कि मिल वाले इस कॉटन को परचेस करके इसका धागा बनाते हैं. फिर यह धागा मार्केट में आता है. साउथ, तमिलनाडु पंजाब, सहित कई जगह से यह धागा आता है. और बुनकर लोग यह धागा परचेस कर लेते हैं. इसके बाद इस धागे को पिरोया जाता है और उसकी वॉशिंग हो जाती है. इसके बाद इसका पूरा रोल तैयार किया जाता है. उसके बाद मशीन से इसकी कटिंग होती है.जिसके बाद पूरी कॉटन पट्टी पैक होती है. कटिंग होकर मार्केट में सेल कर दी जाती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक कपड़े के थान की कीमत 130 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है. उन्होंने कहा कि अभी कारोबार डाउन चल रहा है. उम्मीद है कि आने वाले समय में अच्छा हो जाएगा.

इन सभी जगह होती है सप्लाई
उन्होंने बताया कि यहां से यूपी, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार पश्चिम बंगाल, गुजरात, सहित पूरे हिंदुस्तान में 80 प्रतिशत कॉटन पट्टी की सप्लाई कांठ से ही होती है. उनका कहना है कि पूरे हिंदुस्तान में कॉटन पट्टी का कार्य 2 या तीन जगह ही होता है. जिनमे कांठ भी शामिल है. कांठ विधानसभा से महीने में कॉटन पट्टी का करीब 40 से 50 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है.

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