जौनपुर। 122 दिवसीय धर्म यात्रा के पांचवें पड़ाव पर जनता बालिका इण्टर कालेज बनगांव पट्टी के इन्द्रप्रस्थ मैदान पहुंचे पंकज महाराज ने सत्संग समारोह में अपने प्रवचन में कहा कि महापुरुषों का सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है। सत्संग में किसी की निदा आलोचना नहीं की जाती है बल्कि भगवान की भक्ति के प्रति शौक पैदा किया जाता है। सत्संग से विवेक जागृत होता है। जिससे यह बोध होता है कि मानव शरीर चौरासी लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ है। इसमें प्रभु प्राप्ति के लिये एक दरवाजा है जिसका भेद संत महात्मा जानते हैं। उन्होंने शाकाहार को सुखद आहार बताते हुये कहा मनुष्य शाकाहारी प्राणी है वह अपनी बुद्धि व बल से जीवों की हिंसा करता और मांसाहार करता है। मांसाहार से जीवों के जीवाणु मानव शरीर में आ जाते हैं और आ जायेंगे इससे भयंकर बीमारियां पैदा हो जाती हैं। हिंसा का पाप अलग से लग जाता है। सन्त कबीर ने तो कह दिया है ”तिल भर मच्छी खाइ कै, कोटि गऊ दे दान, काशी करवट ले मरै तो भी नर्क निदान। समाज में शराब पीने का बढ़ता चलन बहुत ही घातक है। मांसाहार व शराब जैसे घातक नशों से अपराधों में वृद्धि हो रही है। युवा पीढ़ी को इस ब्यसन से बचाना बहुत जरूरी है। चरित्र मानव धर्म की पूंजी है। चरित्र उत्थान समय की मांग है। इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, अरुण वर्मा, राम अकबाल प्रजापति, अनिल कुमार यादव, राम कृपाल यादव, राम सकल निषाद, रोहित यादव, सूर्यकान्त मिश्र, राजेन्द्र सोनी, हेमराज यादव आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव बदलापुर खुर्द, पानी की टंकी कनकपुर के पास लिये प्रस्थान कर गई। यहां कल (आज) दो. 12.00 बजे से सत्संग आयोजित है।
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मांसाहार व शराब जैसे घातक नशों से अपराधों में हो रही वृद्धि
