जौनपुर। मंगलवार को एक्शन एड कर्नाटका प्रोजेक्ट द्वारा जौनपुर के विकास खण्ड मछलीशहर के ग्राम पंचायत रइया गुलजारगंज में ईंट भ_ा मजदूर, खेतिहर मजदूर, मनरेगा मजदूर आदि विभिन्न प्रकार के मजदूरों के साथ पॉश एक्ट (2013) कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम पर आधारित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में एक्शन एड से महाजन अली ने बताया कि यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013, जिसे आमतौर पर पॉश अधिनियम कहा जाता है, महिलाओं के लिए कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने के लिए बनाया गया एक कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकना, निषेध करना और उसका निवारण करना है। यौन उत्पीड़न में शारीरिक संपर्क, यौन संबंध बनाने की मांग, यौन टिप्पणी करना, अश्लील साहित्य दिखाना, या किसी भी प्रकार का अवांछित यौन व्यवहार शामिल है। प्रत्येक जिले में, जिला अधिकारी को एक स्थानीय शिकायत समिति का गठन करना होता है, जो उन मामलों की जांच करती है जहां आंतरिक समिति का गठन नहीं किया गया है या शिकायत नियोक्ता के खिलाफ है कोई भी पीड़ित महिला या उसका कानूनी उत्तराधिकारी तीन महीने के भीतर लिखित रूप में शिकायत दर्ज करा सकती है। अधिनियम में यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच, सुनवाई और निवारण के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है। कहीं भी किसी प्रकार की शोषण होने पर तुरंत अपनी आवाज उठाएं, चुप्पी तोड़ना होगा, अपने कानूनी कार्यवाई के लिए आगे आना होगा। जिससे महिलाओं के साथ हो रहे विभिन्न प्रकार के शोषण से मुक्त कराया जा सके।
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पंचायत भवन पर वन विभाग द्वारा लगाया गया ग्रीन चौपाल
केराकत। स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत छितौना गांव स्थित पंचायत भवन पर ग्राम प्रधान ममता यादव की अध्यक्षता में वन विभाग की टीम द्वारा "ग्रीन...
महिला मजदूरों को पॉश एक्ट की जानकारी होना बहुत जरूरी : महाजन

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