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मध्य प्रदेश में जय-वीरू और गब्बर कौन?

मध्य प्रदेश के चुनाव में क्रिकेट सितारों से लेकर फिल्मी किरदारों तक, जुबानी जंग दिलचस्प हो गई है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लेकर विपक्षी कांग्रेस तक, सभी दलों के नेता एक-दूसरे को जय-वीरू, गब्बर-सांभा बताने में लगे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मैहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी पर नाम लिए बिना हमला बोलते हुए जय-वीरू को चोर बताया. वहीं, जय-वीरू को लेकर जारी सियासी नूरा-कुश्ती में नरेंद्र सिंह तोमर की भी एंट्री हो गई है.

दिमनी सीट से बीजेपी के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वह (कमलनाथ और दिग्विजय सिंह) जय-वीरू आज बने हैं, हम (शिवराज-तोमर) तो पहले से हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने फिल्मी किरदार जय-वीरू के नाम पर बहस को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जनता अपने मुद्दों पर चर्चा चाहती है लेकिन बीजेपी नेताओं को फिल्मी बातें सूझ रही हैं. शिवराज की अदाकारी तो पहले से ही मशहूर है, अब तोमर भी फिल्मी पात्रों पर शोध कर रहे हैं. बीजेपी एक आपात बैठक बुलाकर यह तय कर ले कि उनके यहां कौन गब्बर है और कौन सांभा. बात बस जुबानी जंग तक ही नहीं है. चुनाव प्रचार से जुड़े वीडियो में भी शोले के रंग घुलते नजर आ रहे हैं. आलोट विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में गब्बर, सांभा और कालिया को एक पहाड़ी पर दिखाया गया है. गब्बर सांभा से पूछते दर्शाया गया है कि आलोट का मन क्या है? कालिया इसके जवाब में बोलता है- आलोट का मन, चिंतामण.   दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो दिग्गजों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच मनमुटाव को लेकर रणदीप सिंह सुरजेवाला से पिछले दिनों सवाल हुआ. जवाब में सुरजेवाला ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना फिल्म शोले के किरदार जय-वीरू से कर दी. चुनावी मौसम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी मौका कहां चूकने वाली थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर जय-वीरू और कमलनाथ-दिग्विजय की जोड़ी में समानता बताते हुए कह दिया कि दोनों ही जनता का पैसा लेकर फुर्र होने की फिराक में रहते हैं. अंतर इतना है कि रील लाइफ के जय-वीरू में दोस्ताना था तो यहां कपड़े फाड़े जा रहे हैं. कमलनाथ ने इसके जवाब में गब्बर का जिक्र कर दिया. कमलनाथ ने शिवराज के वार पर पलटवार करते हुए कहा कि जय-वीरू की जोड़ी ने ही अत्याचारी गब्बर का हिसाब किया था. अब कौन ठाकुर है और कौन गब्बर. कमलनाथ का इशारा कैलाश विजयवर्गीय की ओर था. कैलाश विजयवर्गीय ने साल 2011 में कहा था कि इंदौर के मामले में मेरा हाल शोले के ठाकुर जैसा है.हाथ बंधे हैं. वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुद्दा जय-वीरू का नहीं, उनके (बीजेपी) के झूठ और भ्रष्टाचार का है. उन्होंने मध्य प्रदेश को पिछले 20 साल से उसी तरह लूटा है जिस तरह से गब्बर ने लूटा था. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धोनी जैसा फिनिशर बताया था. राजनाथ ने कहा था कि शुरुआत चाहे जैसी भी हो, शिवराज मैच जिता ले जाते हैं. इसके करीब महीने भर बाद राजनाथ सिंह का एक और बयान आया. अबकी राजनाथ ने इंदौर-1 से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय की तुलना टी-20 में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हार्दिक पंड्या से कर दी थी.

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