- बैंक उपभोक्ताओं से दुर्व्यहार कर बैंक छवि कर रहा धूमिल
- ऐसे मामलों में शांत न बैंठे उपभोक्ता, करें शिकायत
जौनपुर धारा,जौनपुर। बैंक कर्मचारियों के बदसलूकी के कारण बैंक उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आरबीआई के नियमों में सेंध लगाकर बैंक कर्मी उपभोक्ताओं के साथ अपने व्यवहार का परिचय कुछ इस तरह देतें है। जिससे न केवल बैंकों की छवि धूमिल होती है बल्कि उपभोक्ताओं को भी मायूसी और परेशानियों के गुजरना पड़ता है।
बैंक ऑफ बड़ोदा के कर्मचारियों, अधिकारियों के व्यवहार से आमजन परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि आए दिन बदलते नियम और उनके बारे में ग्राहकों को सूचना नहीं देना और फिर झल्लाकर जवाब देना, यह बैंककर्मियों के स्वभाव में शामिल हो गया है। बैंकों के नियम के अनुसार बैंक ग्राहकों को इस तरह की परेशानियों का सामना जानकारी के अभाव में करना पड़ता है, क्योंकि ऐसे मामलों से निपटने के लिए उनके पास क्या-क्या अधिकार हैं इसके बारे में ज्यादातार लोगों को पता ही नहीं होता। बैंक में कर्मचारी की लापरवाही से होने वाली परेशानियों की शिकायत करने पर अगर स्थानीय ब्रांच मैनेजर कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो फिर आप बैंकिंग लोकपाल को अपनी परेशानी बताकर समस्या का समाधान करा सकते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार ग्राहकों के साथ बैंक का सही व्यवहार करना जरूरी है। ऐसा न होने पर ग्राहकों को अधिकार है कि अगर बैंक उचित व्यवहार नहीं करता तो वह सीधे रिजर्व बैंक तक अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। ऐसा ही नजारा जौनपुर के जेसिज चौराहा स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा के गार्ड की बदसलूकी देखने को मिली। बैंक में तैनात कर्मचारी पहले तो ग्राहकों को यह कह कर लौटा रहा था कि बैंक के सारे कर्मी छूट्टी पर हैं और कोई काम नहीं हो रहा है, वहीं उक्त गार्ड ने लोगों को प्राइवेट संस्थानों से आधार कार्ड के माध्यम से पैसे निकालने की सलाह भी दे रहा था, और आवश्यक कार्य से गये बैंक कर्मियों के साथ बदसलूकी कर बैंक की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। वहीं चेक जमा करने गये बैंक के कर्रेन्ट खाता धारकों को भी बाहर से ही फार्म भरकर लाने की सलाह दे रहा था। इसका कारण पूछने पर उसका सीधा जवाब था कि ज्यादा बहस करोगे तो चेक भी नहीं जमा कर पाओगे। अन्दर तो नहीं आने दूंगा चाहे जो जाये। आलम यह था उक्त बड़े उपभोक्ता को बैंक के बाहर बैठक पर चेक फार्म भरना पड़ा और कर्मचारी ने बाहर से ही फार्म लेकर उपभोक्ता को नेतागिरी न करने की सलाह दे डाली। ऐसा उक्त गार्ड ने केवल एक व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि उक्त 10 मीनट के समय में दर्जनों उपभोक्ताओं के साथ किया। ऐसे में बैंक की छवि तो धूमिल हो ही रही है वहीं ग्राहकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- ऐसे मामलों से परेशान न होकर करें ये काम
अपने अधिकारों की जानकारी के अभाव में ग्राहक कर्मचारियों के लापरवाही भरे व्यवहार का शिकार होकर अपने काम के लिए यहां वहां भटकते रहते हैं और घंटों इंतजार करते रहते हैं। लेकिन आपके साथ अगर आगे इस तरह का काेई भी मामला सामने आए, तो जान लें कि आप उस कर्मचारी की शिकायत सीधे बैंकिंग लोकपाल से कर सकते हैं और समस्या का समाधान पा सकते हैं। आपको बस करना ये होगा कि ऐसी परेशानी पेश आने पर शांत होकर बैठना नहीं है, बल्कि अगर कोई बैंक कर्मी आपके काम को करने में लेट-लतीफी करे, तो सबसे पहले उस बैंक के मैनेजर या नोडल ऑफिसर के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
- ऐसे करें शिकायत
बैंक ग्राहक अपनी शिकायत को ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर पर भी दर्ज करा सकते हैं। दरअसल, ग्राहकों की शिकायतों के निपटान के लिए लगभग हर बैंक के ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम होते हैं। जिनके जरिए प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। इसके लिए आप जिस भी बैंक के ग्राहक हों, उस बैंक का ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर लेकर शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा बैंक के टोलप्रâी नंबर पर कॉल करके या फिर बैंक के ऑनलाइन पोर्टल पर भी शिकायत करें।