- अवैध बसों से सरकारी राजस्व को लग रहा लाखों का चूना, जिम्मेदारी नहीं उठाते सख्त कदम
जौनपुर। जौनपुर रोडवेज से कुछ ही दूरी पर जेसीज चौराहे पर सुबह से शाम तक रोडवेज व प्राइवेट बसो के बेतरतीब खड़े होने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। यातायात को सुचारु रूप से चलाने के लिए यातायात और पिकेट पुलिस तो खड़ी रहती है, लेकिन इन बसों पर उनका कोई जोर नहीं चलता है। पूरे दिन चौराहे पर बस खड़ी कर चालक सवारी बैठाते है। बसों के चालक सभी यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आड़े-तिरछे पूरे सड़क चौराहे पर जाम लगाकर सवारी भरने में मशगूल हो जाते हैं, वहीं बात अगर प्राइवेट बसों की करें तो वे बिना किसी खौफ के बेतरतीबी से बसों को खड़ा कर सवारी भरते रहतें है। इस दौरान वे सवारियों से उनकी प्राइवेट बसों में बैठने के लिये जबरदस्ती भी करते रहतें है। वहीं इस चीज का विरोध करने पर प्राइवेट बस चालक सरकारी चालकों से फौजदारी करने पर आमादा हो जाते हैं, और यात्रियों के साथ भी छीना-झपटी करते रहतें है। इसके चलते आम नागरिकों को जाम में काफी परेशानियों का सामना पड़ता है।
बस चालक जेसिज पर चारों कोने के पर सड़कों पर न सिर्फ मनमाने तरीके से वाहन खड़ा कर देते हैं, बल्कि सवारियां भी भरते हैं। इन मामलों पर राज्य परिवहन विभाग के अधिकारियों को विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान यदि कोई भारी वाहन निकलता है तो ट्रैफिक जाम हो जाता है। यह रोज की समस्या है, लेकिन स्थानीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग ने सख्त कदम नहीं उठाए। सुबह से शाम तक सड़क पर दोनों तरफ गाड़ियां खड़ी रहती हैं, इससे जाम में फंसकर लोग परेशान होते हैं। वहीं अवैध रूप से चल रहीं दर्जनों डग्गामार बसों पर परिवहन विभाग भी रोक नहीं लगा पा रहा है, जिसके चलते हर महीने लाखों के सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है।
अपनी जेब भरने में जुटा है परिवहन विभाग
दरअसल जौनपुर डिपो से कुछ ही दूरी पर कई प्राइवेट व अवैध रूप से चल रहीं बसें सवारियां बैठा लेती हैं। चूंकि इन बसों का किराया रोडवेज से कुछ कम होता है इसलिए बहुत से लोग इन बसों पर बैठ लेते हैं, इसके कारण रोडवेज को सवारी कम मिलती हैं। वहीं बसों के संचालक वाहनों को सरकारी डर्रे पर रगंवाकर यात्रियों को भी गुमराह करतें हैं। इससे वह बस सरकारी बसों की तरह लगती है। सूत्रों की माने तो अवैध रूप से चल रही बसों से परिवहन विभाग खुद वसूली करता है। ऐसे में जब अपनी जेब भर रही हो तो सरकारी राजस्व की चिंता आधिकारियों को नहीं रहती। सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई सिर्फ उन्हीं बसों पर की जाती है जो परिवहन विभाग को हफ्ता या महीना नहीं पहुंचाते। यही कारण है कि हर रूट पर दर्जनों अवैध बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है।
- जौनपुर में प्राइवेट बसों के लिये कोई जगह अलार्ट नहीं कराई है जिसके कारण वे अपने पुराने अड्डे से ही संचालन कर रहें हैं। हालांकि बहुत सारी अनफिट बसों पर विभागीय कार्यवाही की गई है। बेतरतीबी सरकारी बसें द्वारा चौराहे पर ही रोककर सवारी भरने व उतारने के कारण जाम लगता है। हालांकि ये काम नगर पालिका का है कि वह ई-रिक्शा व प्राइवेट वाहनों के लिये स्टैण्ड मुहैया कराये।
- यातायात प्रभारी – संतोष मिश्रा