हाथरस. हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में सितंबर 2020 में हुए बहुचर्चित बूलगढ़ी प्रकरण के 4 में से 3 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. मुख्य आरोपी संदीप को कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या व एससी एसटी एक्ट में दोषी करार दिया है. संदीप सिंह को कोर्ट ने दोषी मानकर धारा 304 और एससी/एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हाथरस की स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट त्रिलोक पाल सिंह की अदालत से 2 मार्च को यह फैसला आया है.
फैसले के बाद बरी हुए आरोपी रवि, रामू और लवकुश के परिजनों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया वहीं, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने हाईकोर्ट जाने की बात कही है. हाथरस के चंदपा थाने के गांव की 19 साल की युवती के साथ गांव के चार लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने का युवती के परिजनों ने आरोप लगाया था. पीड़िता हाथरस सहित अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में काफी समय तक भर्ती रही थी. 29 सितंबर को उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. उस वक्त देश भर में यह घटना सुर्खियों में रही थी. तमाम राष्ट्रीय स्तर के नेता गांव में पहुंचे थे. गांव में पुलिस के साथ ही आरएएफ और पीएसी को तैनात करना पड़ा था. 2 मार्च की सुबह अदालत के फैसले सम्बंधी तारीख को लेकर प्रकरण के चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 11 बजे न्यायालय लाया गया. इसी दौरान वादी पक्ष की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा कोर्ट पहुंची. इधर, पुलिस ने सुरक्षा व कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बूलगढ़ी गांव में मीडिया, गांव के बाहरी लोगों, राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी आदि के प्रवेश पर रोक लगा दी है. गांव में भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. हाथरस कोर्ट को भी छावनी में तब्दील कर दिया गया है.