यूपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को बहुजन समाज पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. नौतनवां से पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बसपा से निष्कासित किया गया है. महराजगंज जिला अध्यक्ष ने अमनमणि त्रिपाठी के निष्कासन का पत्र जारी किया है.
पार्टी की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की कई शिकायतें मिली थीं. इन सभी शिकायतों की जांच करने के बाद अमनमणि को बसपा से निष्कासित कर दिया गया है. बसपा के महाराजगंज जिला अध्यक्ष ने पत्र जारी कर कहा कि उन्हें इस संबंध में कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उनकी कार्यशैली में कोई भी सुधार नहीं है. इसकी वजह से पार्टी हित में अमनमणि को निष्कासित किया जाता है. इससे पहले नौतनवां से पूर्व विधायक अमनमणि को साल 2017 में समाजवादी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था. समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया था.अमनमणि त्रिपाठी यूपी के बाहुबली नेता और पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. उनका जन्म 12 जनवरी 1982 को गोरखपुर में हुआ. अमनमणि त्रिपाठी की शुरुआती पढ़ाई सैंट जॉसेफ और DPS नोएडा में हुई. बाद में वो गोरखपुर वापस आए. यहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ गोरखपुर से बीए LLB की पढ़ाई की. अमनमणि के चर्चा में रहने का एक बड़ा कारण उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी हैं. वो और उनकी पत्नी मधुमिता हत्याकांड के चलते आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. अमरमणि त्रिपाठी लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. बाद में महाराजगंज जिले की इस विधानसभा सीट का नाम नौतनवां हो गया. अमरमणि के बाद उनके बेटे अमनमणि त्रिपाठी 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार यहीं से विधायक चुने गए थे. हालांकि ये अमनमणि का पहला विधानसभा चुनाव नहीं था. वो 2012 में सपा के टिकट पर नौतनवां से चुनाव लड़ चुके थे. तब कांग्रेस के कौशल किशोर सिंह ने उन्हें हरा दिया था. पांच साल बाद यूपी चुनाव में अमनमणि त्रिपाठी ने अपने विरोधी को 45 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. उस समय वो जेल में थे.