- दूर के स्कूलों का सफर बना चुनौती
सिकरारा। रामसहायपट्टी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के अचानक बंद हो जाने से स्थानीय नौनिहालों और उनके अभिभावकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अब बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दो से तीन किलोमीटर दूर अन्य गांवों के विद्यालयों में जाना पड़ रहा है, जो छोटे बच्चों के लिए एक कठिन और असुरक्षित यात्रा साबित हो रही है।
विद्यालय बंद, लेकिन कारण अज्ञात
जानकारी के अनुसार, यह विद्यालय पिछले कुछ समय से बंद है। हालांकि, इसके बंद होने का कोई आधिकारिक कारण सामने नहीं आया है। स्कूल के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।
अभिभावकों की पीड़ा
श्रीमती रामवती देवी, एक स्थानीय महिला ने बताया, मेरा बच्चा बहुत छोटा है, उसे हर मौसम में दूर के स्कूल जाना पड़ता है। हम डरते रहते हैं कि कहीं रास्ते में उसे कुछ हो न जाए।
सुरेश पाल, ग्रामीण निवासी ने कहा बच्चों को अकेले भेजना सुरक्षित नहीं है। हमें काम छोड़कर उन्हें ले जाना पड़ता है या फिर उनकी पढ़ाई ही रुक जाती है। दूसरे स्कूलों में पहले से ही भीड़ बहुत है, जिससे पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।
सामुदायिक मांग और अपील
गांववासियों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपील की है कि रामसहायपट्टी प्राथमिक विद्यालय को शीघ्र ही पुन: खोला जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यह विद्यालय केवल एक शैक्षिक केंद्र नहीं, बल्कि गांव के भविष्य की नींव है। इसकी बंदी बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और मानसिक विकास पर विपरीत असर डाल रही है।
- ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
- विद्यालय को शीघ्र पुन: खोला जाए
- स्कूल में पर्याप्त शिक्षक और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं
- प्रशासन द्वारा स्थिति की जांच कर स्पष्ट कारण सार्वजनिक किया जाए
प्रशासन से अपेक्षा यह आवश्यक है कि शिक्षा विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करे, जिससे गांव के बच्चों को फिर से पास में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और उसे बाधित करना एक सामाजिक अन्याय के समान है।