
- शक्तेशगढ़ चुनार स्थित अड़गडानंद महराज के हैं शिष्य
- सैकड़ों भक्तों ने प्रवचन सुनकर ग्रहण किया प्रसाद
जौनपुर धारा, मछलीशहर। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास व प्रतिष्ठान पर पधारे शक्तेशगढ़ से पधारे अड़गड़ानंद के शिष्य नारद महराज का सैकड़ों भक्तों ने जोरदार स्वागत किया और प्रवचन सुना। तदुपरांत प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रवचन देते हुये नारद महाराज ने कहा कि बड़े भाग्य मानुष तन पावा। मनुष्य योनि में आने के लिये जीव को कई योनियों में भटकना पड़ता है। गीता में भगवान कृष्ण का कथन है कि मनुष्य कर्मो का निर्माता है। मन से इंद्रियों को वश में करने वाला ही परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। इसमें श्रद्धा, विश्वास व समर्पण भाव होना चाहिये। गुरु शिष्य की परम्परा सदियों से चली आ रही है। प्रभू के शरण में जाने का रास्ता गुरु ही दिखा सकता है। गुरु ही सन्मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। जाति, पांति, छुआ छूत में कोई भेद न रखें। परमात्मा का जप श्रद्धा से करने पर मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। श्रद्धा नहीं है तो जीव बंधन से मुक्त नहीं हो सकता है। यथार्थ गीता में ईश्वर भजन व भक्ति के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति का सही अर्थ बताया गया है। इस अवसर पर संजय जायसवाल, सुभाष जयसवाल, अवधेश गुप्ता, मुकेश तिवारी, डा. जीएस यादव, बाबुलनाथ दुबे, रमेश शर्मा, पवन गुप्ता, आशीष चौबे, डा. एमपी सिंह, अरुण जायसवाल, नरेंद्र बहादुर सिंह, सीता राम सहित भारी संख्या में पुरुष, महिला श्रद्धालु उपस्थित थे। इसी क्रम में कुरनी गांव निवासी पूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष सुरेन्द्र विक्रम सिंह के आवास पर भक्तों ने स्वागत भी किया।