पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से शुरू होंगे नए पाठ्यक्रम

  • भारतीय ज्ञान परंपरा, इंटीग्रेटेड, एमसीए, एमएससी फूड टेक्नोलॉजी से जुड़े पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई

जौनपुर धारा, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो.वंदना सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को कुलपति सभागार में विद्या परिषद की बैठक आहूत की गई। बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने समेत अन्य निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है जिससे विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार मिल सके और उन्हें पढ़ने के लिए बाहर न जाना पड़े। एमसीए के चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को परिसर में प्रारंभ करने के लिए विचार किया गया। इस पाठ्यक्रम में 12वीं के बाद विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। वैश्विक सॉफ्टवेयर उद्योग को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में विशेष कौशल को विकसित करने के लिए इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इसके साथी फूड टेक्नोलॉजी विषय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर सहमति दी। भारतीय ज्ञान विज्ञान को विद्यार्थियों से परिचित कराने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम के अंतर्गत एक वर्षीय वैदिक ज्योतिष डिप्लोमा पाठ्यक्रम, एक वर्षीय वैदिक कर्मकाण्ड डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं एक वर्षीय वैदिक वास्तु शास्त्र डिप्लोमा पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय परिसर में संचालन करने हेतु अध्ययन परिषद ने सहमति दी है। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के दिशा निर्देशों के क्रम में विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध कोर्सेज को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने हेतु अध्ययन परिषद के संयोजकों द्वारा स्वयं पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई। इसके साथ ही शोध निदेशक बनाए जाने हेतु गठित समिति की संस्तुतियों पर विभिन्न विषयों के 84शोध निर्देशक बनाए जाने पर सहमति दी गई। बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ.विनोद कुमार सिंह, प्रो.मानस पांडे, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो.राजेश सिंह, प्रो.सौरभ पाल, प्रो.अजय प्रताप सिंह, प्रो.मनोज मिश्र, प्रो.राजेश शर्मा, प्रो.रजनीश भास्कर, प्रो.श्रीश कुमार सिंह, प्रो.संदीप सिंह, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, उप कुलसचिव बबीता सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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