- पर्यावरण तभी सुरक्षित जब नदियां ना सिकुड़े : प्रो. अंशुमाली
- नदियों की दुर्दशा से पर्यावरण असंतुलन बढ़ा : प्रो. निर्मला एस. मौर्य
- विश्व पर्यावरण दिवस पर छोटी नदियों के इकोसिस्टम पर हुआ वेबीनार
जौनपुर धारा, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। यह वेबिनार मिशन लाइफ भारत सरकार एवं पूर्वांचल यूनिवर्सिटी एल्यूमिनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में सुबह कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य की अध्यक्षता में सभी अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण को संरक्षित रखने, पर्यावरण के अनुकूल आदतों के महत्व हेतु प्रेरित करने के लिए मिशन लाइफ की प्रतिज्ञा ली। इसके बाद वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. अंशुमाली ने स्मॉल रिवर एंड इकोसिस्टम सर्विसेज विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि पारिस्थितिकी की भयावह स्थिति मानव केंद्रित होने के कारण उत्पन्न हो रही है अत: हमें जमीन के उपयोग को सुनिश्चित करना होगा। नदियों को सिकुड़ने को रोकना होगा, तभी जाकर पारिस्थितिकी तंत्र सुधर सकता है। आज के समय में गंगा बेसिन का क्षेत्रफल 70 प्रतिशत से ऊपर सिकुड़ चुका है। छोटी नदियों का क्षेत्रफल धीरे-धीरे खेती में परिवर्तित होता चला जा रहा है। छोटी नदियों को बचाना होगा जिससे हमारा पारिस्थितिकी के साथ हमारी बड़ी नदियां भी बची रहें। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य ने कवि केदारनाथ की कविता ‘आज नदी बिल्कुल उदास थी’ से प्रारंभ करते हुए आज के परिवेश में पर्यावरणीय असंतुलन के कारण नदियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला। भविष्य की भयावह परिकल्पना का दृश्यावलोकन कराते हुए उन्होंने कहा कि अगर जल, पानी, हवा, कीट, पतंगे, मधुमक्खियां नहीं रहेंगी तो भविष्य का व्यक्ति कैसा होगा, जैसे आज हम पानी की बोतल अपनी पीठ पर ढो रहे हैं। उसी तरह से हमें ऑक्सीजन सिलेंडर को भी कैरी करना पड़ेगा तब व्यक्ति कैसा दिखेगा। व्याख्यान के अंत में उपस्थित छात्र एवं छात्राओं द्वारा अपने जिज्ञासा का समाधान किया गया। कार्यक्रम संचालन वेबिनार संयोजक डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा किया गया। वेबिनार के अध्यक्ष प्रो. राजेश शर्मा, संकायाध्यक्ष, विज्ञान संकाय द्वारा सभी उपस्थित आगंतुकों एवं वक्ता प्रो. अंशुमाली का स्वागत किया। प्रो. शर्मा ने विषय प्रवर्तन किया। आयोजन सचिव मिशन लाइफ के नोडल अधिकारी डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के पर्यावरण एवं इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अंशुमाली का जीवनवृत्त प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन ऋषि श्रीवास्तव, सूक्ष्म जैविकी विभाग द्वारा किया गया। अंत में सभी उपस्थित विद्वजनों द्वारा पौधरोपण एवं छात्र-छात्राओं द्वारा सॉल्यूशन फॉर प्लास्टिक पॉल्यूशन के थीम को आगे बढ़ाते हुए क्लीनअप कंपैन आगेर्नाइज किया। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. राज कुमार, डा. राजबहादुर यादव, डा. जगदेव, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. गिरिधर मिश्र, डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. एसपी तिवारी, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. एसपी तिवारी, डॉ. सुधीर कुमार उपाध्याय, डॉ.विनय वर्मा, डॉ.इन्द्रेश कुमार, डॉ.मनोज पाण्डेय, डॉ.धर्मेंद्र सिंह, दीप प्रकाश सिंह, जया शुक्ला, मंगला प्रसाद, डॉ.अवधेश मौर्य, डॉ.प्रमोद यादव, डॉ.नीरज अवस्थी, डॉ.श्याम कन्हैया, डॉ.दिनेश तथा मिशन लाइफ समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।