- नैनो कॉम्पोसीट मैटेरियल को किया डिजाइन
जौनपुर धारा,जौनपुर। वीरबहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान के सेंटर फॉर रिन्यूएबल एनर्जी शोध केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र चौधरी का भारतीय पेटेंट प्रकाशित हुआ है। डॉ.चौधरी ने बताया कि इस पेटेंट के अन्तर्गत उनके द्वारा नए नैनो कॉम्पोसीट मैटेरियल को डिजाइन किया गया है। जिससे इस कॉम्पोसीट मैटेरियल का प्रयोग करने से ऑर्गेनिक सोलर सेल डिवाइसेस की दक्षता में बढ़ोतरी होती है। यह शोध उनके द्वारा भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी, कानपुर) मे किया गया है। बताते चले कि डॉ.धीरेन्द्र चौधरी कम दर और उच्च दक्षता के सोलर सेल के विकास मे विशेष रूप से कार्य कर रहे है। इससे की इस प्रकार के सोलर सेल को जन सामान्य तक आसानी से पहुचाया जा सके। वैकल्पिक ऊर्जा के इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु गत वर्ष डॉ.चौधरी को सर्ब-नई दिल्ली द्वारा एसआइआरइ फेलोशिप प्राप्त हुआ था। जिसके अन्तर्गत इन्होंने जर्मनी के कोलोन विश्वविद्यालय मे 03महीने तक सोलर सेल डिवाइसेस की दक्षता के विकास में शोध कार्य किया। डॉ.धीरेन्द्र चौधरी को विभिन्न फन्डिंग एजेन्सीस द्वारा 08शोध अनुदान प्राप्त है। जिसके अन्तर्गत वो वैकल्पिक ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान और विकास कार्य कर रहे है। इस अवसर पर कुलपति प्रो.वंदना सिंह ने खुशी व्यक्त किया तथा जन सामान्य के वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शोध करने को कहा। इस अवसर पर प्रो.मानस पाण्डेय, निदेशक प्रो.प्रमोद यादव, प्रो.देवराज सिंह, प्रो.गिरिधर मिश्र, डॉ.दिग्विजय सिंह, डॉ.पुनीत धवन, डॉ.श्याम कन्हैया, डॉ.काजल-डे, डॉ.मिथिलेश यादव आदि ने बधाई दी है।