जौनपुर धारा, जौनपुर। शारदीय नवरात्र छठे दिन चारों तरफ देवी मां के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा है। पूरे जनपद में जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमाएं पंडालों में स्थापित कर विधिवत अर्चन पूजन किया जा रहा है। लोग जोर शोर से माता रानी की पूजा में जुटे हुए हैं।

नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की साधना-आराधना की गई। देवी कात्यायनी मां दुर्गा का छठा स्वरूप हैं। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों ने अर्थ, धर्म, कर्म और मोक्ष चारों फलों के प्राप्ति की कामना की। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है, ये स्वर्ण के समान चमकीली हैं। इनकी चार भुजाएं में दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में मां के बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित रहता है। उनका वाहन सिंह है। मां दुर्गा के इस स्वरूप की मान्यता है कि एक प्रसिद्ध महर्षि जिनका नाम कात्यायन था, उन्होने भगवती जगदम्बा को पुत्री के रूप में पाने के लिए उनकी कठिन तपस्या की। कई हजार वर्ष कठिन तपस्या के पश्चात महर्षि कात्यायन के यहां देवी जगदम्बा ने पुत्री रूप में जन्म लिया और कात्यायनी कहलायीं। गांव से लेकर शहर तक लगभग 600 के ऊपर पंडाल स्थापित किए गए हैं। तमाम पंडालों में तमाम तरह की मूर्तियां और सजावट की गई हैं। कहीं कई लोगों ने भव्य अयोध्या के राम मंदिर को सजाया है और उसे बेहतर रूप से प्रदर्शित किया है तो कहीं लोगों ने देश की अखंडता और एकता को देखते हुए इस वर्ष मनाये जा रहा अमृत महोत्सव के तहत पूरे पंडाल को ही तिरंगे में पिरो दिया है यहां तक की मां की मूर्ति भी तिरंगे में पिरोई हुई है। वहीं नगर के ताड़तला में मूर्ति बड़ी ताड़तला की महारानी के नाम से जानी जाने वाली मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। वहीं नवयुवक संस्था मारवाड़ी धर्मशाला पर मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजन अर्चन किया जा रहा है। सुबह से लेकर शाम तक भक्तों का मां के दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है। संस्था के तमाम पदाधिकारी कार्यकर्ता जान से जुटकर हर रोज नया कुछ करके माता को अपनी भेंट अर्पण कर रहे हैं।