राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत अपने दो दिवसीय दौरे पर बुरहानपुर पहुंचे हैं. भागवत रविवार 16 अप्रैल को सुबह 10.45 बजे से स्थानीय रेवा गुर्जर समाज भवन शिकारपुरा के सामने भव्य धर्म संस्कृति सम्मेलन में भाग लेंगे सर संघचालक इसी दिन भगवान राम दरबार प्रतिमा स्थापना के साथ ही पप्पू गोविंदनाथ महाराज के जीर्णोद्धार किए गए समाधि स्थल का भी लोकार्पण करेंगे.
वहीं, मोहन भागवत सोमवार 17 अप्रैल को सुबह 10 बजे सरस्वती नगर में डॉ हेडगेवार स्मारक समिति के कार्यालय भवन समर्थ का लोकार्पण करेंगे. इससे पहले संघ प्रमुख भागवत ने गुजरात में विभिन्न जातियों और संप्रदायों के बीच एकता का संदेश दिया था. भागवत ने कहा, “पहले हम एक थे, लेकिन हम जातियों में विभाजित हुए और इस विभाजन को विदेशियों ने और बढ़ा दिया, लेकिन अब देश के विकास के लिए, हमें फिर से एक होना होगा. गुजरात विश्वविद्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए, भागवत ने लोगों से कहा कि वे देश की प्राचीन ज्ञान व्यवस्था के प्रति अपने संदेह और अविश्वास को दूर करें. वो इसकी बजाय यह पता लगाने के लिए शोध करें कि क्या प्रासंगिक है और इसे सभी के साथ साझा करें. उन्होंने अहमदाबाद में आरएसएस से जुड़े विचार मंच पुनरुत्थान विद्यापीठ के तैयार प्राचीन भारतीय ज्ञान व्यवस्था और संबंधित विषयों के 1,051 संस्करणों का विमोचन भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा, “हमारा राष्ट्र हमारे पूर्वजों की तपस्या से बना था, जो विश्व का कल्याण चाहते थे, इसलिए (ज्ञान साझा करना) हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि भले ही भारत की ताकत और प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर बढ़ रही है, लेकिन हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी ज्ञान व्यवस्था के साथ-साथ दुनिया में मौजूद लोगों की समीक्षा करें ताकि ज्ञान के नए स्तर खोजा जा सकें और इसे दुनिया को पेश किया जा सके.