आगरा: आगरा के जिला अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्थाहाशिए पर हैं. आलम यह है कि मरीजों को दवा लेने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है. साथ ही दवा लेने के लिए मारामारी मची रहती है. लाइन में लगी महिलाएं आपस में दवाई लेने के लिए भिड़ जाती हैं. उमस भरी गर्मी में लोग बेहद परेशान हो रहे हैं. जिला अस्पताल की दवा काउंटर पर लोगों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. तब जाकर उन्हें दवाई मिल पाती है. यह हालात एक दिन कि नहीं है. हर रोज मरीजों को दवाई लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है.
आगरा की जिला अस्पताल में दवाई लेने आए कई मरीजों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर बाहर की दवाई लिख देते हैं. हमको महंगी दवाई बाहर से लेनी पड़ती है. जिला अस्पताल के काउंटर पर भी दवाई नहीं मिलती हैं. हालात इतने बदतर है कि उमस भरी गर्मी में सैकड़ों लोग लाइन लगे रहते हैं. केवल दो ही अकाउंट चालू रहते हैं. जिनमें एक ही आदमी दवा बांटता रहता है. दवाई के 4 पत्ते लेने के लिए 1 से 2 घंटे लाइन में खड़े रहकर बिताने पड़ते हैं. कई दवाइयांबाहर से भी लेनी पड़ती है. जो कि काफी महंगी होती हैं. लाइन में लगे लगे कई मरीजों की तबीयत बिगड़ जाती है. बरसात के दिनों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दाद ,खाज, खुजली, फंगल इंफेक्शन और डायरिया से संबंधित मरीज हर रोज सैकड़ों मरीज जिला अस्पताल पहुंचते हैं. पहले तोपर्चा बनवाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. पर्चा बन भी जाए तो डॉक्टरों के केविन के बाहर लंबी लाइन से गुजरना पड़ता है. सबसे ज्यादा दिक्कत दवा लेने में होती है. जब सैकड़ों लोग तीन से चार लाइन बनाकर खड़े रहते हैं और काउंटर केवल दो चलते हैं. तार घर से अपने बच्चे की दवा लेने आई शीला देवी ने बताया कि डॉक्टर ने बच्चे को जो दवा लिखी है वह जिला अस्पताल में मौजूद नहीं है 2 गोलियां ही दी है. बाकी बाहर से लेनी पड़ रही है. अस्पताल के फार्मासिस्ट प्रभारी का कहना है कि भीड़ अधिक है और दवा बांटने वाले ट्रेनी बच्चे कम हैं. स्थिति से निपटने के लिए एक्स्ट्रा काउंटर खोले जाएंगे.