- सिकरारा के खपरहा गांव के निवासी थे दोनों मजदूर, 30 जून को हुई थी दर्दनाक घटना
सिकरारा। तेलंगाना के संगारेड्डी जि़ले की एक दवा कंपनी में 30जून को हुए भीषण अग्निकांड में सिकरारा थाना क्षेत्र के खपरहा गांव निवासी दो सगे भाई अखिलेश निषाद (38 वर्ष) और विजय निषाद (28 वर्ष) की दर्दनाक मौत हो गई। लेकिन घटना के पंद्रह दिन बाद भी न तो उनके शव परिजनों को मिले, न ही उनकी राख, जिससे परिजनों में भारी आक्रोश और मायूसी है।
अखिलेश वर्ष 2013 में तेलंगाना की शिकयची लिमिटेड नामक दवा कंपनी में काम करने गए थे। कुछ वर्षों बाद अपने छोटे भाई विजय को भी वहीं काम पर रखवाया और फिर अपने भतीजे पवन को भी वहीं नौकरी दिला दी। तीनों मिलकर परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर कर रहे थे। पर 30 जून की सुबह कंपनी में आग लग गई, जिसमें कुल 34 मजदूरों की मौत हुई। भतीजा पवन किसी तरह कूदकर जान बचाने में सफल रहा, पर अखिलेश और विजय की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। तेलंगाना प्रशासन और कंपनी ने कुछ शवों को डीएनए परीक्षण के बाद उनके परिजनों को सौंपा, लेकिन जौनपुर के इन दो भाइयों का न शव मिला, न राख, न ही मृत्यु प्रमाण पत्र।
- परिजन बोले – हमें राख तक नहीं दी गई
परिजनों का आरोप है कि जब वे तेलंगाना शव लेने पहुंचे, तो न कंपनी ने न कोई जानकारी दी, न फैक्ट्री के अंदर जाने दिया। केवल जमीन की कुछ मिट्टी और थोड़ी-सी आर्थिक मदद देकर उन्हें लौटा दिया गया। मायूस परिजन संगम जाकर उस मिट्टी को प्रवाहित कर लौट आए हैं। मृतक अखिलेश की पत्नी अनीता और तीन छोटे बच्चों में अजय(18), अमन(17), और अनामिका(12) की हालत बदतर है। वहीं छोटे भाई विजय की पत्नी प्रीति का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता बसंत लाल ने कहा – बुढ़ापे का सहारा छिन गया, अब कौन देगा कंधा?
- शासन से न्याय की गुहार
परिजनों ने यूपी सरकार और तेलंगाना सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें मृत्यु प्रमाण-पत्र, अस्थि अवशेष और मुआवजा दिया जाए। कंपनी द्वारा तीन महीने से लेकर सात साल तक इंतज़ार करने की बात कहकर मामले को टाल दिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही मल्हनी विधायक लकी यादव पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से फोन पर बात कर मदद का भरोसा दिलाया। उनके साथ सपा जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य, पूर्व विधायक लाल बहादुर यादव समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।