महिला को पुरुष पुलिस द्वारा घसीटे जाने का विडियों वायरल
पुनः प्रशासन के लापरवाही से घट सकती है अनुराग यादव हत्या जैसी कांड
जौनपुर धारा(रामसरन यादव)
केराकत। इन दिनों केराकत क्षेत्र में प्रशासन द्वारा न्यायालय के विरुद्ध जाकर कार्रवाई करते हुए क़ब्ज़ा दिलाने का प्रकरण संज्ञान में आया है। बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व औरी (नरहन) निवासी मेवालाल के आबादी वाले ज़मीन पर केराकत के नायब तहसीलदार पेसारा पुलिस बल के साथ पहुंचकर बिना किसी आदेश के महिलाओं को धमकाते हुए, उनके वर्तमान कब्ज़े से हटाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया। जिसमें महिला को पुरुष पुलिस द्वारा घसीटकर घर से लाया जाने वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जबकि पीड़ित पक्ष द्वारा न्यायालय में इस बाबत मामले में मुक़दमा दर्ज कर विचाराधीन मामला चल रहा है। तहसीलदार नायब पेसारा द्वारा 30वर्षीय हरे भरे पेड़ को भी बुलडोजर से उखड़वा कर फेक दिया गया। जबकि सरकार द्वारा पेड़ लगाओं नारा दिया जा रहा है। पीड़ित के अनुसार आ.नं.-94मि.मौजा-औरी सरकारी खाते की भूमि है, जिसे विपक्षी सूर्यनाथ ने दफा 123के तहत गलत तरीके से 29.09.2014 को लेखपाल व कानून-गो को मिलाकर न्यायालय उपजिलाधिकारी केराकत जौनपुर से गलत व फर्जी तरीके से आबादी करा लिया है। मौके पर सूर्यनाथ का कुछ भी नहीं बना है, जगह खाली है। पीड़ित का हौदी, चरनी है, और पीड़ित को परेशान करने हेतु उक्त विपक्षी सूर्यनाथ बार-बार सम्पूर्ण समाधान दिवस पर प्रार्थना-पत्र देकर व अधिकारी को मिलाकर 25 जनवरी 2025 को पुलिस बल, लेखपाल व कानून-गो को लेकर प्रार्थी का चरनी हटाकर जे.सी.बी.से नींव खोदने लगे। पीड़ित के घर की महिलाएँ जब विरोध की तो पुलिस बल की सहायता से महिला को बुरी तरीके से मारे-पीटे और थाने पर बैठा दिया। जबकि उक्त विपक्षी सूर्यनाथ को मौके पर एक ईंट की नींव भी नहीं डाली गयी है, तब मौके पर आबादी कैसे हो सकती है। पीड़ित द्वारा जबकि सन् 2001का नवीन परती पर पक्का मकान बना है, जबकि विपक्षी सूर्यनाथ का मौके पर कुछ भी नहीं बना है,फिर भी अधिकारी लोग उसमें नींव भरवा रहे हैं, जबकि वो पात्रता की श्रेणी में नहीं आता है, जबकि उसके पास गाडी, पक्का मकान व जमीन नाम से है, पीड़ित ने जिलाधिकारी से आग्रह करते हुए विपक्षी सूर्यनाथ को नवीन परती पर नींव खोदवाने व मकान बनाने से तत्काल रोकने की गुहार लगाई। ग्राम वासियों का कहना है कि दलालों के इशारे पर नायब तहसीलदार पेसारा व उपजिलाधिकारी महोदय चल रहें हैं। यदि प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो पुनः प्रशासन के लापरवाही से अनुराग यादव हत्या जैसी कांड घट सकती है।