- कहीं परिवर्तन तो कहीं तो कहीं लोकप्रियता की हो रही चर्चाएं
जौनपुर धारा, जौनपुर। नगर निकाय चुनाव के बिगुल बजने के तुरन्त बाद से ही मैदानी रण में उतरने को हर कोई इच्छा जाहिर कर रहा है। आम से लेकर खास तक के सभी उम्मीदवार अपने-अपने किरदार को जनता व पार्टी के बीच रखनें में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतें हैं। एक तरफ पालिका में 22 वर्ष में चार कार्यकाल पूर्ण करने वाला टण्डन परिवार विकास की ताल ठोक रहा है तो दूसरी तरफ परिवर्तन के कयासों पर चर्चा जारी है। दूसरी तरफ सपा, भाजपा के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा पर सबकी नजरें टिकी हुई है। बतातें चले की नगर पालिका के इतिहास में बहुत से उतार-चढ़ाव के किस्से है। नगर पालिका में 1913 में पहली बार अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था। उस समय नगर पालिका बोर्ड का गठन 11 वार्डों से किया गया था जो बढ़ते-बढ़ते आज 39 वार्डों में परिवर्तित हो गया। इस चुनाव में बीते 22 वर्षों के चार चुनावों में कई दिग्गजों ने चेयरमैन के पद पर अपना सिक्का जमाना चाहा लेकिन नाकामयाब रहें। इन वर्षों में तीन कार्यकाल दिनेश टण्डन व महिला सीट होने के कारण पिछले कार्यकाल से माया टण्डन का कब्जा रहा या फिर यह भी कहा जा सकता है कि अध्यक्ष की कुर्सी पर लगातार अंगद की तरह टण्डन परिवार ही पांव जमाये बैठा है। जन चर्चाओं में मजबूत रणनीति और तेज दिमाग के सहारे दिनेश टण्डन ने अपना किला बना रखा है। वहीं जन जनचर्चाओं की माने तो इस बार भाजपा और सपा के उम्मीदवारों को लेकर लोगों में तरह-तरह की कयास लगाई जा रही है। कुछ ऐसे चेहरे भी सामने आने के की उम्मीद दिखाई पड़ रही है जिनसे वर्तमान चेयरमैन के कुर्सी को खतरा पहुँच सकता है। हालाकि कांग्रेस से अभी तक किसी भी उम्मीदवार की न तो चर्चा है और न ही किसी प्रकार की घोषणा की गई है। लोगों में वोटरों को लेकर भी जाति समीकरण के आधार पर मतों का अनुमान लगाते हुए चेयरमैन की कुर्सी पर चेहरा परिवर्तन की बात की जा रही है। तो वहीं चर्चाएं यह भी है दिनेश टण्डन के सामने चुनाव जीतने के लिये उनसे अच्छी लोकप्रिय वाला चेहरा आये तो ही परिवर्तन सम्भव है। ऐसे में यह चर्चाएं भी सामने आ रही है कि चुनाव मैदान में सपा से मौर्या तथा भाजपा से व्यापारी उम्मीदवार पर पार्टियां दाव लगाने को तैयार है। ऐसे में गहना कोठी परिवार से एक चेहरा सामने आ रहा है। जिन्होने एक जमाने से निःस्वार्थ रूप से सेवाभाव में विश्वास रखा है। हालाकि पार्टी के नजर में और भी उम्मीदवार है जिनके ऊपर मंथन चल रहा है। जन चर्चाओं की मानें तो अगर इस उम्मीदवार को भाजपा टिकट देती है तो चुनावी रण में टण्डन परिवार को टक्कर देना भाजपा के लिये आसान होगा। बता दें कि सपा और भाजपा पार्टियां अपने सरकारों में भी नगर पालिका चेयरमैन के पद पर कब्जा जमाने में विफल साबित हुई हैं। वहीं लोगों में यह चर्चाएं भी व्याप्त है कि विपक्ष में होने के नाते पिछले कार्यकाल में चेयरमैन के नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यों पर विराम लगा रहा और कहीं इस बातों पर भी चर्चाएं रही कि 22वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बार विकास पुरूष का अब विकास से रूची उठ गया है। हालाकि पार्टीयों के घोषणा और चुनाव तक लोगों की चर्चाएं आम और खास उम्मीदवारों पर टिकी हुई है।