बरेली. यूपी के बरेली में कैंट क्षेत्र में धोपेश्वर नाथ मंदिर है. यह मंदिर नाथ नगरी के सात नाथों में से एक है. इस शिव मंदिर की कई विशेषताएं हैं. मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू है, भगवान शिव यहां अर्धनारीश्वर के रूप में विराजमान हैं. मंदिर में एक सरोवर है और इस सरोवर का भी अलग रहस्य है.
दरअसल बरेली नाथ नगरी के धोपेश्वर नाथ मंदिर में बीचोबीच सरोवर है. मान्यता है कि इस सरोवर के जल से जो नहाता है उसको चर्मरोगों से राहत मिलती है. शरीर पर दाने, एलर्जी, खुजली आदि समस्याओं से निजात मिलती है. यहां इस समस्याओं से ग्रसित लोग काफी दूर-दूर से आते है. इसमें हजारों लोग यहां पहुंचकर इस सरोवर में डुबकी लगाते हैं. यहां के पानी के बारे में सैकड़ों सालों से मान्यता चली आ रही है. पंडित घनश्याम जोशी ने बताया कि भादो माह के समय धोपेश्वर नाथ की जगह धोपा मईया हो जाते हैं तो भादो के महीने में जो आखिरी ब्रहस्पतिवार होते हैं तब ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के भक्तगण आते हैं. वह सरोवर में स्नान करने के बाद मंदिर में धोपा मईया को प्रसाद चढ़ाते हैं और वहां खोका मईया भी हैं भक्तगण उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं. पंडित घनश्याम जोशी के अनुसार मान्यता है कि सरोवर में जो स्नान करता है उनके स्किन रोग (चर्म रोग) दूर हो जाते हैं और जो व्यक्ति स्नान और दर्शन करता है वह सुखमय जीवन व्यतीत करता है और उस व्यक्ति की कामना पूर्ण हो जाती है. मंदिर में मौजूद रूपदेवी ने बताया कि भादों के मेले में ब्रस्पतिवार को यहाँ हज़ारो की तादाद में लोग आते हैं और यहाँ सरोवर में स्नान करते हैं और उनको चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है. भादों में यहाँ मेला लगता है तो दूर-दूर जिलों से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और आशीर्वाद पाते हैं. रूपदेवी ने बताया कि यह मंदिर कई हज़ारों वर्षों पुराना है. कई ऋषियों और मुनियों की तपस्या का यह मंदिर फल है.