खतौली विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मिली सफलता से गदगद रालोद की दावेदारी निकाय चुनाव में भी बढ़ गई है। चूंकि सपा-रालोद का गठबंधन है, ऐसे में पश्चिमी यूपी की कई अहम सीटों पर टिकट के लिए रालोद अपना दावा पेश कर सकता है। यही कारण है कि निगम और पालिका क्षेत्रों में दावेदारों ने भी अपनी मशक्कत भी शुरू कर दी है।
खतौली उपचुनाव में जीत के बाद रालोद थिंक टैंक का मानना है कि किसान उनके साथ आ गए हैं। नगर निकाय चुनाव में भी रालोद इसका फायदा मिलेगा। इसलिए पश्चिम की कई सीटों पर उसके उम्मीदवार उतारे जाएं। इससे नया समीकरण बनेगा। खास तौर से नगर निगम महापौर सीटों पर दावेदारी का दावा करने की तैयारी है। जैसे मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़ आदि पर रालोद की निगाह है। पार्टी का मानना है कि नए समीकरणों का लाभ रालोद को ज्यादा मिल सकता है। सपा बाकी जगह पर अपने उम्मीदवार उतारे। इसी तरह से पालिका परिषद अध्यक्षों पर भी दावेदारी की मंशा है। हालांकि टिकटों के बंटवारे पर लंबा मंथन होगा और उसी के बाद फैसला लिया जाएगा। दरअसल इन सीटों पर रालोद जातिगत आंकड़ों का गुणाभाग कर रहा है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि मुस्लिम तो उनके साथ सपा की बदौलत आ ही जाएंगे। बाकी जातियों को वह अपने हिसाब से जोड़ेंगे। कहीं जाटों में सेंध लगेगी तो कहीं गुर्जरों में। कहीं दलित वोटरों पर दांव लगाया जाएगा तो कहीं अन्य पर। इसी आधार पर रालोद अपना समीकरण तैयार कर रहा है।