राम सरन यादव
केराकत। स्थानीय क्षेत्र में इन दिनों विद्युत किसान उपभोक्तओं को विवशता के आंशु बहाने पर मजबूर कर रहा है। विद्युत का क्षेत्र में यह हाल है की धान की रोपाई सर पर होने के बावजूद विद्युत आँख मिचौली खेल रही है।
किसानों की विवशता भर ही है कि सरकार के लाख दावों के बावजूद अपने ही खेतिहर जीवन पर रोए या हसें सामंजस्य की स्थिति में पड़े हुए है। सरकार की सारे वादे ताक पर धरी की धरी रह जा रही है। हम बात कर रहे है इन दिनों बजरंगनगर(दिशापुर) पॉवर हाउस से संचालित तीन नम्बर फीडर सेनापुर, ब्राह्मणपुर, अमिहित ग्राम में इन दिनों विद्युत किसानों को खून के आँसू बहाने पर मजबूर कर रही है। धान की रोपाई का उचित समय यही है, पर सिंचाई के लिए विधुत का ना होना किसानों के लिए श्राप बना हुआ है।
कर्मचारी की मनमानी किसानों की परेसानी
ना ही विद्युत की कोई व्यवस्थित संचालन ना ही कर्मचारियों में कर्मठता। किसानों को तो मानों यहाँ के विद्युत कर्मचारी आत्महत्या करवा के ही दम लेंगे। क्योंकि इन $फीडरों पर कर्मचारी भी अपनी ही मनमानी तरी$के से सर्कुलर के ख़िला$फ विद्युत देतें है ।ऐसे में किसानों का का$फी नु$कसान हो रहा है।
किसानों की आय दुगुनी करने पर सरकार का बल
सरकार का नारा है कि हम किसानों की आय दुगुनी करेंगे। लेकिन ये तो बता दीजिए की सेड्यूल के विपरीत विद्युत आखिर किस हिसाब से किसानों की आय दुगुनी कर सकती है? सरकार जिस तरी$के से किसानों की आय दुगुनी करने की डुगडुगी पिटती है वह का$फी $काबिले तारी$फ है, लेकिन क्या भ्रष्ट और ढीठ कर्मचारी ऐसा होने देंगे?