मेघालय में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार को देखते हुए असम पुलिस ने वाहनों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया है और सभी वाहनों को मेघालय जाने की अनुमति दे दी है. गुवाहाटी सिटी पुलिस उपायुक्त सुधाकर सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, गुवाहाटी सिटी पुलिस उपायुक्त सुधाकर सिंह ने कहा, ”हमने सभी वाहनों को मेघालय में प्रवेश की अनुमति दे दी है. इससे पहले शनिवार को लगातार पांचवें दिन असम ने मेघालय जाने वाले निजी वाहनों पर पाबंदी जारी रखी थी. उल्लेखनीय है कि असम-मेघायल सीमा से लगे पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले की एक विवादित जगह पर मंगलवार को असम के पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर गोलीबारी की थी, जिसमें छह लोग मारे गए थे. मरने वालों में असम के वनरक्षक दल का एक जवान भी शामिल था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों ने रोका था. इस दौरान असम के पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर गोलीबारी कर दी थी. दोनों राज्यों की सीमा पर हुई इस हिंसा के विरोध में मेघालय में धरना-प्रदर्शन और जुलूसों का दौर चला, इस दौरान शिलांग के कई हिस्सों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़-आगजनी और पुलिसबल पर हमले की वारदातों को अंजाम दिया. तनाव को देखते हुए विवादित क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई थी. मेघालय में सात जिलों में इंटनेट सेवा पर रोक लगाई गई. पहले यह रोक 26 नवंबर तक के लिए थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 28 नवंबर तक के लिए कर दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ एक छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मेघालय की राजधानी समेत कई हिस्सों में हालात सामान्य होने लगे हैं. शनिवार को पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले में उपद्रवियों की ओर से सड़क पर टायर जलाने की घटना सामने आई थी. 22 नवंबर को जिस जगह हिंसा हुई थी, वह पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के अंतर्गत बताई जाती है. मुकरु गांव (कुछ रिपोर्ट्स में इसे मुकरोह कहा जा रहा है) में ट्रक रोके जाने के बाद कथित गोलीबारी को अंजाम दिया गया था. मामले को लेकर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की थी. उन्होंने बताया था कि गृह मंत्री शाह ने असम पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी को लेकर केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का आश्वासन दिया है. वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हिंसा को लेकर अफसोस जताते हुए कहा था कि राज्य कैबिनेट ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है.