Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeअपना जौनपुरकागजों पर काम फुल, धरातल पर बत्ती गुल

कागजों पर काम फुल, धरातल पर बत्ती गुल

  • भीषण गर्मी में निकल जाता है विद्युत व्यवस्थाओं का धुंआ

जौनपुर धारा, जौनपुर। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की डिमांड स्तर लगातार बढ़ रही है। जून का आधा से ज्यादा महीना बित चुका है। आसमान से बरसती आग और अंधाधुंध अघोषित कटौती ने लोगों को परेशान कर रखा है। बुधवार को जौनपुर में अधिकतम तापमान 44 डिग्री व न्यूनतम 33 डिग्री तक दजै किया गया। जबकि 48 डिग्री से अधिक तक महसूस किया गया। जून के मध्य सप्ताह में 44 डिग्री तापमान के बीच अब लोगों को मानसून और बरसात का बेसब्री से इन्तजार है। 44 डिग्री तापमान के साथ ही बिजली की अघोषित कटौती से हो और दोपहर के वक्त कई घण्टे के लिए बिजली गायब कर दी जाए, अंदाजा लगाए कि जिन इलाकों की दोपहर में बत्ती गुल की गयी होगी, वहां लोगों पर क्या बीती होगी। जौनपुर में पिछले सप्ताह विभाग ने एक शेड्यूल जारी किया था जिसमें यह दर्शाया गया था कि 12, 14, 16 और 18 जून को नगर के कई क्षेत्रों में सुबह के 11 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली गुल रहेगी, लेकिन पूरे घोषित शेड्यूल में बिजली की कटौती नाम मात्र ने देखने को मिली। लेकिन ऐसा नहीं रहा कि बिजली कटी ही न हो। बिजली की यह हालत इक्का-दुक्का इलाके में हुई हो ऐसा भी नहीं है। शहर के ज्यादातर इलाकों में बिजली आपूर्ति का बुरा हाल है। जानलेवा गर्मी में बेहाल लोग बिजली के गुल होते ही सरकार और सरकार के अफसरों को कोसना शुरू कर देते हैं। आपूर्ति को लेकर हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पहले उन इलाकों का उल्लेख समाचार में किया जाता था जिन इलाकों में बिजली आपूर्ति गड़बड़ाया करती थी, लेकिन आज ऐसे इलाके ढूंढना मुश्किल हो गया जहां आपूर्ति की स्थिति पहले से बेहतर थी। आपूर्ति के मामले में शहर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं जहां कहा जा सके कि हालात सामान्य थे। शहर के व्यवसायिक इलाके हो या फिर आवासीय इलाके बिजली आपूर्ति की दशा बद से बदत्तर बनी हुई है। मजे की बात तो यह है कि बिजली विभाग के एसडीओ, एक्सीएन गर्मी के शुरू होने से पहले की व्यवस्थाओं को कागजों पर दुरूस्त दिखाकर खुद की पीठ थपथपा लेतें हैं, लेकिन गर्मी के भीषण रूख अख्तियार करने के बाद ही व्यवस्था का धुंआ निकल जाता है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि कागजों में सब काम फुल और सड़कों पर बत्ती गुल का यह ऐब अब अधिकारियों के लिये परम्परा बन गई है, वहीं इसका खामियाजा क्षेत्र की प्रत्येक महिने समय से बिल जमा करने वाले आम-जनमानस को भुगतना पड़ता है। ऐसे में बढ़ते बिजली उपभोक्तओं के मद्देनजर बिजली आपूर्ति व्यवस्थाओं को सुधारने के सारे यंत्र फेल नजर आ रहें हैं।

  • अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल प्रथम विवेक खन्ना ने उपभोक्ताओं को बिजली कटौती से बचाने के लिए सलाह दी है कि घर के सभी विद्युत उपकरण एक साथ न चलाएं, सबमर्सिबल, वाशिंग मशीन, प्रेस इत्यादि उपकरण का प्रयोग सुबह 6 से 9 बजे के बीच करें, एसी की टेप्रेचर सेटिंग 24 डिग्री रखें तथा टाइमर को भी सेट करें। एनर्जी एफिशिएंट विद्युत उपकरणों का प्रयोग कर, वायरिंग ठीक रखें व अर्थिंग की जांच करा लें। ओवरलोड में कम से कम कमरों का प्रयोग करें, चालू एसी की संख्या कम रहे। विद्युत की चोरी न करें और यदि आस पड़ोस में कोई विद्युत चोरी कर रहा है तो इसकी सूचना विद्युत विभाग को दे।
Share Now...