आम चुनाव के बाद भी पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लोगों को उम्मीद थी कि परिणाम आने के बाद स्थिति में कुछ सुधार होगा, लेकिन दिन-ब-दिन ये और बदतर होती जा रही है. मौजूदा हाल यह है कि पीटीआई ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. यही नहीं, कई वरिष्ठ लोगों ने धांधली का हवाला देते हुए अपना पद छोड़ दिया है या अपने से इस्तीफा दे दिया है.
रावलपिंडी के कमिश्नर ने दिया इस्तीफा
आम चुनाव में कथित धांधली को स्वीकार करते हुए रावलपिंडी के कमिश्नर लियाकत अली चट्ठा ने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस कदम के बाद पूरे पाकिस्तान में भूचाल आ गया है. लोगों के बीच बढ़ती असहमति के बीच पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा का बयान आया है. डॉन की खबर के मुताबिक, ईसा ने इस मसले पर कहा है कि बिना किसी सच्चाई या सबूत के ‘निराधार आरोप’ लगाने का कोई महत्व नहीं है. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश का यह बयान लियाकत अली चट्ठा के दावे के महज कुछ घंटों बाद आया है. लियाकत ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और मुख्य न्यायाधीश भी चुनावी धांधली में शामिल थे. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने इस्लामाबाद में मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ”कल कोई मुझे चोरी या हत्या के लिए दोषी ठहरा सकता है. अगर आरोप लगाना आपका अधिकार है तो इसके साथ आप सबूत भी पेश कीजिए.”
लियाकत अली चट्ठा ने किया था बड़ा खुलासा
इससे पहले लियाकत ने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर मीडिया के साथ बात करते हुए कहा था, ”काउंटिग के दौरान जिन उम्मीदवारों को शिकस्त मिल रही थी उन्हें जबरदस्ती जिताया गया है. मैं अपने सारे गलत काम की जिम्मेदारी लेता हूं. लियाकत ने यह भी बताया कि इस धांधली में मुख्य चुनाव आयुक्त और चीफ जस्टिस भी शामिल थे. वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट अधिकारी ने अपने अपराध को स्वीकार करते हुए अपने मौजूदा पद से इस्तीफा दे दिया.