- दलालों के भरोसे विभागीय कर्मचारी हो रहे मालामाल
जौनपुर धारा, जौनपुर। प्रदेश की योगी सरकार जहाँ भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने में जुटी है वहीं जिले स्तर के विभाग पलीता लगा रहें है। भ्रष्टाचार व दलालों की चुंगल में संचालित हो रहे सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय पर दलालों के कारण आये दिन धक्का मूक्की होती रहती है। चन्द पैसों के चक्कर में विभागीय बाबू और अन्य कर्मचारी के मिली भगत से भ्रष्टाचार चरम पर है। यह खेल विभाग के लिये कोई नई बात नही हमेशा से एआरटीओ कार्यालय में शान्ति पूर्ण तरिके से भ्रष्टाचार का खेल चलता आ रहा है।
आरोपों के बीच घिरे इस विभाग में बीना सुविधा शुल्क के एक अदना सा कार्य भी करा पाना असम्भव है। में लर्निंग लायसेन्स से लेकर गैर जनपद ट्रांसफर तक के कार्य में काफी लम्बा चौड़ा खेल होता है। जिसमें विभाग स्तर पर गैर कानूनी तरिके से रखे गये दलालों का सहारा लिया जाता है। सभी कार्यों का अपना अलग-अलग रेट फिक्स है। जैसे लर्निंग व पर्मानेन्ट लाइसेन्स, लायसेन्स नवीनीकरण, सहित आरसी पेपर, वाहनों का गैर राज्य ट्रांसफर, गैर जनपद ट्यूरिस्ट पास, टैक्स जमा जैसे समस्त कार्यों में बाबूओं द्वारा दलालों के माध्यम से मोटी रकम वसूली जाती है। वहीं हाइवे लाइसेंस (टी.आर.) बनवाने के लिये मनमानी वसूली किया जाता है, क्योकिं इस लाइसेन्स को बनवाने के लिये अभ्यार्थी को मोटर ट्रेनिंग स्कूल से एक महिने का कोर्स करना अनिवार्य होता है, जैसे कि मोटर ट्रेनिंग स्कूल वालों से एक माह का अनुभव मांगा जाता जिसके लिये फार्म न.5 पर सर्टिपिकेट बनाकर देना होता है, लेकिन विभाग में ऐसी कोई व्यवस्था नही है। एआरटीओ कार्यालय के बाबू और अधिकारियों ने बाहर के कुछ मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को सेट करके रखा है जिनके माध्यम से 5000(पाँच हजार) तक की वसूली की जाती है, जिसमें 1300(एक हजार तीन सौ) रूपये का फिस कटता है, बाकी के पैसों में विभाग के बाबू, अधिकारी व ट्रेनिंग स्कूल आपस में बन्दरबांट कर लेते है। ऐसे में अगर कोई टी.आर.लाइसेन्स बनवाने जाता है, तो अभ्यार्थी पर नियमों के बोझ लाद दिये जातें है, और उसी कार्य को पूनः दलाल के माध्यम से प्रस्तुत किये जाने पर आसानी से हो जाता है और विभाग के छोड़े गये दलाल अभ्यार्थियों के गाढ़ी कमाई पर सरेआम डाका डालकर अधिकारियों की जेब गर्म करतें हैं।