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मणिकर्णिका घाट के गलियों में पहुंचा पानी, 1203 लोगों ने छोड़ा घर

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Homeअपना जौनपुरइस्लाम सलामती, इंसाफ व दयानतदारी का मजहब : मौलाना जावेद आब्दी

इस्लाम सलामती, इंसाफ व दयानतदारी का मजहब : मौलाना जावेद आब्दी

  • बलुआघाट में आयोजित हुई मजलिस में शामिल हुए अजादार

जौनपुर धारा, जौनपुर। कर्बला में जो कुबार्नी इमाम हुसैन ने दी आज उसी की वजह से इस्लाम दुनिया में बाकी है, क्योंकि इस जंग में एक तरफ दुश्मने मोहम्मद थे और दूसरी तरफ उनका नवासा। दुश्मन सब खत्म हो गये आज उनका कोई नाम लेने वाला नहीं है जबकि मोहम्मद और उनकी आल का नाम आज भी बाकी है। जिसका वादा अल्लाह ने सूरए कौसर में किया था। उक्त बातें मौलाना सैयद जावेद आब्दी ने  नगर के बलुआघाट स्थित मेंहदी वाली जमीन पर आयोजित मरहूमा हसन बांदी व मरहूम सैयद इकबाल कमर शहजादे की मजलिसे बरसी को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने मोहम्मद से वादा किया था कि तुम्हारे सभी दुश्मन खत्म कर दिये जायेगें उनका नाम लेने वाला कोई नहीं रहेगा और हुसैन अ.स. की कुर्बानी के बाद ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि कुबार्नी का मतलब किसी जानवर की गरदन पर छुरी चलाने का नाम नहीं है बल्कि ईश्वर की राह में सब कुछ कुर्बान कर देने का नाम ही असल में कुर्बानी है और यह कुर्बानी सिर्फ फात्मा जहरा के घर वालों ने दी है। उन्होंने कहा कि हदीसे रसूल है कि जिसने फात्मा को राजी किया उसने मोहम्मद को राजी किया और जिसने मोहम्मद को राजी किया उससे अल्लाह राजी हुआ। यही वजह है कि अल्लाह ने इस घराने के हाथ में इतनी ताकत दे रखी है कि ये जो भी कह दें वो फौरन हो जाता है। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत मेंहदी जैदी व उनके हमनवां की सोजख्वानी से हुई। जिसके बाद शोहरत जौनपुरी, तनवीर जौनपुरी व शम्सी आजाद ने बारगाहे अहलेबैत में अपने कलाम पेश किये। अंजुमन शमशीरे हैदरी ने नौहाख्वानी की। अंत में सै. हसनैन कमर ‘दीपू’ व सै. अफरोज कमर ने आये हुए लोगों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर तमाम लोग उपस्थित रहे।

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