- रेलवे से लगभग तीन गुना भाड़ा देकर भी परेशान हो रहें यात्री
जौनपुर धारा, जौनपुर। रोडवेज बसों की खस्ता हालत की वजह से आए दिन हादसे देखने को मिलते हैं। लेकिन रोडवेज बसों की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है। अगर बस अड्डे पर चले जाएं तो खटारा बसें मिल ही जाएंगी। मगर अधिकारियों की जांच में सब कुछ सही मिलता है। अफसरों की लापरवाही और कुप्रबंधन के दुष्परिणाम धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। कलपुर्जों से लेकर टायर तक की कमी से प्रदेश के सभी रीजन हलकान हैं। बसों में जली व खराब मोबिल के उपयोग कर सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जिसका नतीजा यह हो रहा कि राह चलते कहीं भी बसें खड़ी हो जा रही हैं।मरम्मत में लापरवाही से भी रोडवेज बसों का सफर खतरनाक होता जा रहा है। मैकेनिकों की लापरवाही का यह आलम है कि वर्कशॉप से बस निकलने से पहले पहियों के नटबोल्ट तक नहीं चेक किए जा रहे। इन दिनों खराब मोबिल डालकर बस के संचालन का वीडियों तेजी से वायरल हो रहा है जो कि जौनपुर डिपो का ही बताया जा रहा है। ऐसे यह भी सवाल उठता है कि जब जली मोबिलों से बसों का संचालन कराया जा रहा है तो सही मोबिलों की चोरी किसके मत्थे चढ़ रही है। इससे सरकार का दोहरा नुकसान हो रहा है एक तरफ तो जली मोबिल से इंजन की धज्जी उड़ रही है तो दूसरी तरफ सरकारी धन से आपसी बन्दरबांट हो रहा है। हांलाकि मामला चाहे जो भी हो रेलवे विभाग से लगभग तीन गुना ज्यादा भाड़ा देकर भी यात्री को मुसीबतें झेलनी पड़ती है। वहीं रोडवेज बस ड्राइवरों के तरफ से भी आरोप लगते रहें है कि वर्कशॉप के कर्मचारी लगातार मेंटिनेंस में लापरवाही बरत रहे हैं। अनफिट होने के बावजूद बसें वर्कशॉप से रवाना कर दी जाती हैं। वहीं, अधिकारी कोई हादसा होने पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को जिम्मेदार बताकर नौकरी से बाहर कर देते हैं। इसके उलट विभाग के फोरमैन और टेक्निकल टीम पर कार्रवाई नहीं होती।
सरकार डिपो के बसों की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन जौनपुर डिपो के वर्कशॉप में आज भी सुविधाओं का अभाव बताया जाता है। जबकि किसी बस में आग से बचाव के कोई उपाय नहीं हैं, तो कहीं पर मेडिकल किट गायब है। लापरवाही से ही इन बसों को सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जिसमें सैकड़ों यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। परिवहन निगम के कार्यालय के रजिस्टर में बसों के आने और जाने का ब्यौरा दर्ज किया जाता है। इनमें कई कालम होते हैं, जैसे डीजल टैंक, टूलबॉक्स, फर्स्ट एड बॉक्स, बस की सफाई, वाहनों की सामान्य दशा आदि की जांच कर बसों को रवाना किया जाता है। साथ ही रोडवेज कर्मी की जिम्मेदारी होती है कि वह वर्कशॉप से फिट बसों को ही रूटों के लिए रवाना करें। लेकिन सच्चाई इससे अलग नजर आती है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक ड्राइवर ने बताया कि बसों के रिपेरिंग में तो काफी झोल-झाल हो ही रहा है साथ जली व खराब मोबिल भी इंजन में डाली जा रही है। जिससे वाहन समय से पहले ही खटारा हो जाती है। हांलाकि इन दिनों जली मोबिल डालकर बसों के संचालन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कर्मचारियों के बीच यह बात हो रही है कि जली मोबिल डालकर बसों को सड़क भेज दें रहें है और बस धूंआ देकर बन्द हो जाती है। जिससे सवारियों से आये दिन ‘तू तू मैं मैं’ हो रही है।