Sphinx Statue: मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि मिस्र में आर्कोलॉजिस्ट ने हाथोर मंदिर के पास एक स्फिंक्स चेहरे की खोज की है. स्फिंक्स के चेहरे पर दो डिम्पल मौजूद है, जो हंसता हुआ दिख रह है. यह पिछले कुछ महीनों में आर्कोलॉजिस्ट के तरफ से खोजी गई प्राचीन चीजों के मामले में नई है.
मिस्र के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्फिंक्स एक चूना पत्थर की कलाकृति है. इसे एक प्राचीन रोमन सम्राट का एक शैलीगत प्रतिनिधित्व माना जाता है. ये दक्षिणी मिस्र में मंदिर के पास एक दो-लेयर वाले मकबरे के अंदर पाया गया था. वहीं मंत्रालय ने आगे बयान में कहा गया है कि खूबसूरती के मामले में स्फिंक्स सटीक रूप से नक्काशीदार है. स्फिंक्स के बगल में शोधकर्ताओं ने राक्षसी और चित्रलिपि में लिखा एक रोमन स्टेल भी पाया था. स्फिंक्स मूर्ति को पूरी तरह से समझ के बाद स्टील मूर्तिकला शासक की पहचान पर विचार-विमर्श किया जा सकता है. वहीं मिस्र की ऑर्कोलॉजिस्ट टीम ने कहा कि मूर्ति का संबंध सम्राट क्लॉडियस हो सकता है. सम्राट क्लॉडियस का घर राजधानी काहिरा से लगभग 500 किलोमीटर (310 मील) दूर दक्षिण में स्थित हैथोर मंदिर में था. देश ने हाल के महीनों में प्रमुख ऑर्कोलॉजिस्ट खोजों पता लगाया है. ये खोज मुख्य रूप से काहिरा के दक्षिण में सक्कारा नेक्रोपोलिस में की गई है, जहां एकमात्र प्राचीन काल का बचा हुआ विश्व के सात अजूबों की संरचना मौजूद है. ऑर्कोलॉजिस्ट मंत्रालय ने गुरुवार को गीज़ा के महान पिरामिड के अंदर नौ मीटर के एक छिपे हुए रास्ते की खोज की घोषणा की, जिसके बारे में ऑर्कोलॉजिस्ट ज़ही हवास ने कहा कि ये रास्ते फिरौन खुफ़ु, या चेओप्स के वास्तविक समाधी कक्ष की तरफ जाते होगे. इसके अलावा दक्षिण में स्थित लक्सर में ऑर्कोलॉजिस्ट ने 1800 साल पहले रोमन युग के पूरे शहर की खोज जनवरी में की थी. कुछ विशेषज्ञ इस तरह की खोज को वैज्ञानिक सफलता की तुलना से अधिक राजनीतिक और आर्थिक रूप में देखते हैं. इस वक्त मिस्र एक गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इसके बीच अपने महत्वपूर्ण पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए पर्यटन पर भरोसा कर रहा है. मिस्र सरकार का लक्ष्य है कि अगले 2028 तक आने वाले पर्यटकों की संख्या 13 मिलियन से बढ़ाकर 30 मिलियन करना है.