जौनपुर। जिले में निजी अस्पतालों की लापरवाही का एक और खौफनाक मामला सामने आया है। अभी तक इलाज में लापरवाही से मरीजों की मौत की खबरें आती रही थीं, लेकिन अब नगर कोतवाली क्षेत्र के नईगंज स्थित ट्यूलिप हॉस्पिटल में एक तीमारदार महिला की जान चली गई। मौत का कारण और भी चौंकाने वाला है।
जानकारी के अनुसार सरपतहा थाना क्षेत्र के सुइथा गांव निवासी लालती देवी इलाज के लिए भर्ती थीं। उनकी तिमारदारी में बेटा प्रदीप गौड़, बहू गुड़िया समेत पूरा परिवार मौजूद था। सुबह करीब साढ़े दस बजे परिजन पानी भरने के लिए हॉस्पिटल परिसर में लगे वाटर कुलर के पास पहुंचे। वहां सकरी जगह में दो बड़े जनरेटर सेट के बीच वाटर कुलर लगाया गया था। पानी भरते वक्त तीमारदार गुड़िया करेंट की चपेट में आ गई। परिजनों का आरोप है कि करेंट लगने के बाद डॉक्टर और स्टाफ ने इलाज तक करने से मना कर दिया, किसी ने छूने तक की कोशिश नहीं की। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही परिजन भड़क उठे और ट्यूलिप हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। लोगों का कहना है कि अस्पताल ने सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की है। सकरी जगह में जनरेटर और वाटर कुलर लगाने से यह हादसा हुआ, जिससे साफ है कि अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों की लापरवाही ने एक महिला की जान ले ली। यह मामला न सिर्फ अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की ढीली निगरानी और सिस्टम की नाकामी पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।
चिकित्सकों पर लगा गम्भीर आरोप

कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम की भेज दिया है। मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया है। परिजन चिकित्सक पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि अस्पताल के जिम्मेदारों की लापरवाही से महिला की मौत हुई है। उक्त चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज कर कारवाई की मांग परिजन ने की है। अब देखना है कि पीड़ित परिवार जिसके परिवार के एक कीमती जान चली गई उसे न्याय मिल पाता है या मामला रफा दफा कर दिया जाएगा।