Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद : दिनेश टंडन

जौनपुर। लायन्स क्लब मेन द्वारा 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत योग शिविर का आयोजन माया लान मछरहट्टा में आयोजित किया गया। जिसमे प्रशिक्षक...
Homeअपना जौनपुरअस्थाई गौशाला की स्थिति बद से बदतर

अस्थाई गौशाला की स्थिति बद से बदतर

  • गोवंश कर रहे अपनी मौत का इंतजार
  • पशुओं को चारे के नाम पर खड़ा पुआल और मिल रहा बजबजाता पानी

जौनपुर धारा, केराकत। स्थानीय क्षेत्र के पेसारा गांव में स्थित निराश्रित अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल की दुर्दशा की पराकाष्ठा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां प्रतिदिन किसी न किसी गोवंश की मौत होना तय है। आलम यह है कि दर्जनों मरे हुए गोवंशो को दफनाने के बाद उठ रही दुर्गंध से अगल बगल से गुजरना मुश्किल है। स्थानीय लोग भी लगातार मर रहे गोवंश की हालत देखकर उन्हें आजाद करने की मिन्नते कर रहे हैं।

गौशाला की बदहाली को सुन जब मौके पर मीडिया पहुंची तो गौशाला के गेट पर ताला लगा हुआ था गौशाला के अंदर जाकर देखा गया गया तो स्थिति वीभस्त थी। गौआश्रम में एक जिंदा गाय के आंख को कौआ नोच कर निकाल रहा था और गाय छटपटा रही थी वहीं दूसरी तरफ एक और गाय के पैर में गहरी चोट लगी थी जिसे कौआ आकर उसके जख्म को गहरा करता जा रहा था। गौशाला के एक तरफ मृतक गौवंश भी पड़ा दिखा और गायों को खाने के लिए बजबजाता पानी व खड़ा पुआल रखा गया था जो गोवंशो के पहुँच से दूर रखा था जहाँ बॉस लगाया गया था। केयर टेकर भी मौके से नदारत था। अगर केयर टेकर होता तो कम से कम जिंदा गायों को कौवे तो नहीं नोचते। इस सम्बन्ध में जब ग्राम विकास अधिकारी सुरेश चंद्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पैसा आने वाला है मैं ग्राम प्रधान से अभी बात कर लेता हूँ और केयर टेकर से भी बात करता हूँ साथ ही मैं खुद मौके पर जाकर वहाँ की स्थिति देखता हूं। बहरहाल कब और कैसे पेसारा अस्थाई गौशाला में गायों को समुचित व्यवस्था कराई जाएगी ये तो जिम्मेदार ही तय करेंगे।

  • जिला प्रशासन से रख रखाव के नाम पर कुछ नहीं आता : जयहिंद

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जयहिंद रसीला ने बताया कि कभी कभार चिकित्सक गायों को देखने आ जाते हैं इसके पहले महिला चिकित्सक थी जो हमेशा आती रहती थी और गोवंशो का बेहतर उपचार करती थी। उनके जाने के बाद डॉक्टर कभी कभी आते हैं। उन्होंने बताया कि चार लाख रुपया उधार लेकर गायों को भूसा व दाना (चोकर) खिला चुका हूं लेकिन जिला प्रशासन से रख-रखाव के नाम पर एक रुपये नहीं आ रहा है मैं मजबूर हो गया हूं। अगर यही स्थिति रही तो वीडियो बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दूंगा। हमे भी गायों की स्थित देखकर दर्द हो रहा है। अगर यही स्थिति रही तो मैं खुद गौशाला की जिम्मेदारियों को छोड़ दूंगा क्योंकि जो स्थिति इस समय उसे देखकर दिल सिहर उठता है।

Share Now...