गरीब मरीजों के निशुल्क इलाज के लिए संचालित हो रही प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्यमान योजना के अंतर्गत नए अस्पताल नामित करने के लिए नई शर्त लागू की गई है. अब कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को अपने घर के पास ही इलाज कराने की सुविधा मिल सकेगी.प्रधानमंत्री जनआरोग्य आयुष्यमान योजना के अंतर्गत मुरादाबाद में 65 अस्पताल नामित हैं. जहां योजना के लाभार्थी मरीजों को भर्ती करके उनका इलाज किया जा रहा है. जिले के दस सरकारी अस्पतालों को छोड़कर सभी नामित अस्पताल निजी क्षेत्र के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं. ये सभी निजी अस्पताल जिला मुख्यालय मुरादाबाद के शहरी क्षेत्र में ही संचालित हैं.अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं आयुष्यमान योजना के नोडल अधिकारी डॉ.सुनील दोहरे ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि अब योजना के अंतर्गत मरीजों के इलाज को नामित करने के लिए शहर की सीमा से बाहर के व ग्रामीण क्षेत्र में स्थित अस्पतालों को विशेष प्राथमिकता मिलेगी. तहसील मुख्यालयों, कस्बों में संचालित ऐसे सभी अस्पतालों को आयुष्यमान योजना के दायरे में लाए जाने पर विशेष फोकस किया जाएगा. जहां मरीजों के इलाज से जुड़ी सभी चिकित्सा सुविधाएं मौजूद होंगी. डॉ.सुनील दोहरे के मुताबिक वर्तमान में तहसील मुख्यालयों के अस्पताल भी आयुष्यमान योजना में नामित नहीं होने के चलते जिला मुख्यालय पर संचालित अस्पतालों में मरीजों का दबाव काफी अधिक बढ़ गया है. जिला मुख्यालय को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों को आयुष्यमान योजना में नामित करने से कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को अपने घर के पास ही इलाज की बेहतर सहूलियत मिल सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में आयुष्मान की सुविधा शुरू होने से मरीजों को शहर के अस्पतालों में नहीं भागना पड़ेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को काफी हद तक फायदा होगा.
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