माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद उन पर चल रहे मुकदमे खत्म किए जाएंगे. मतलब अतीक-अशरफ के खिलाफ दर्ज मुकदमों की फाइल्स अब हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी.
माफिया अतीक अहमद पर 104 और अशरफ पर 54 मुकदमे चल रहे हैं. कुछ मुकदमों में अंतिम रिपोर्ट लग चुकी है. वहीं, कई मामलों में अब भी विवेचना चल रही है. अब भी 50 से ज्यादा मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं. लेकिन 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में हुई माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद अब इन मुकदमों के चलाये जाने का कोई औचित्य नहीं रह गया है. विवेचकों की तरफ से कोर्ट में मृत्यु रिपोर्ट लगाए जाने पर अदालत मुकदमों को बंद करने पर मुहर लगा देगी. हालांकि, अतीक और अशरफ के अलावा अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलता रहेगा. उधर, माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच में गठित न्यायिक आयोग ने दूसरे दिन भी जांच जारी रखी. शनिवार को न्यायिक आयोग ने अतीक और अशरफ की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए. आयोग की टीम ने कॉल्विन हॉस्पिटल और धूमनगंज थाने का भी मुआयना किया था. काल्विन हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से आयोग की टीम ने घटना पर बयान लिया था. आयोग ने MNNIT की टेक्निकल टीम से क्राइम सीन और स्पॉट मैपिंग करवाई थी. FIR कॉपी, पुलिस अफसरों के बयान, अतीक अशरफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए गए. इसके अलावा, उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहे शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान और ड्राइवर अरबाज के एनकाउंटर स्थल से एफएसएल की टीम ने घटना से जुड़े सुबूत इकट्ठा किए. नेहरू पार्क और कौंधियारा में सीन रिक्रिएशन भी किया गया. बता दें कि नेहरू पार्क में 28 फरवरी को अतीक अहमद के बेटे असद के ड्राइवर अरबाज का एनकाउंटर हुआ था. वहीं, 6 मार्च को कौंधियारा मेंशूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान का एनकाउंटर हुआ था. प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में दोनों आरोपी शामिल थे.