माफिया अतीक और अशरफ का खात्मा महज 40 सेकंड के अंदर हो गया. प्रयागराज में मेडिकल के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाते वक्त सनी, लवलेश और अरुण नाम के तीन आरोपियों ने तड़ातड़ गोलियां बरसाकर अतीक-अशरफ की हत्या कर दी थी. शूटआउट की जिस वारदात ने यूपी समेत पूरे देश को दहला दिया, उसकी अनसुलझी कड़ियों ने पुलिस की उलझनें बढ़ा दी हैं. अब तक की तफ्तीश में इतना तो साफ है कि अतीक और अशरफ की जान लेने वाले आरोपी लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ सनी और अरुण मौर्य शुरू से ही क्रिमिनल बैकग्राउंड के थे, लेकिन इस वारदात को अंजाम देने के लिए तीनों का एक-दूसरे से मिलना और इस साजिश को सिरे तक पहुंचाना पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है. इसके अलावा वारदात को अंजाम देने का तरीका भी हैरान करने वाला है. यही वजह है कि पुलिस को शक है कि ये वारदात सिर्फ इन तीनों के दिमाग की उपज नहीं, बल्कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश जरूर है.
लवलेश और सनी का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है. सूत्रों की मानें तो दोनों पहले भी जेल में रह चुके हैं. बताते हैं कि साल 2021 में जब दोनों अलग-अलग केस के सिलसिले में बांदा जेल में बंद थे, तभी जेल में ही दोनों की एक-दूसरे से मुलाकात हुई और दोनों दोस्त बन गए. घरवालों के मुताबिक बांदा का रहने वाला लवलेश तिवारी ना सिर्फ एक नशेड़ी है, बल्कि वो मारपीट और एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले में भी जेल जा चुका है. जबकि हमीरपुर के कुरारा गांव का रहने वाला मोहित उर्फ सनी जुर्म के मामले में लवलेश से भी कहीं आगे है. वो पिछले 10 साल से घरवालों से अलग रह रहा था. उसे जानने वाले लोग बताते हैं कि जब वो कम उम्र का था, तभी वो मारपीट के एक मामले में जेल गया था, लेकिन एक साल बाद जब वो बाहर आया तो बदल चुका था. वो पूरी तरह से क्रिमिनल माइंडेड हो चुका था. लेकिन ये तो हमीरपुर जेल की कहानी थी. इसके बाद वो बांदा जेल में बंद हुआ, जहां उसकी मुलाकात लवलेश से हुई. लेकि इस वारदात को अंजाम देने के लिए दोनों प्रयागराज क्यों और कैसे पहुंचे? इस कड़ी का पता लगाना अभी बाकी है.
ये मान लिया कि लवलेश और सनी की बांदा जेल में मुलाकात हुई थी और वहीं से दोनों साथ हो लिए. लेकिन सवाल ये है कि इसके बाद उनकी मुलाकात अरुण मौर्य से कैसे हुई? कासगंज का रहनेवाला अरुण मौर्य बहुत ही इंटोवर्ट किस्म का लड़का था. वो जब गांव में रहता था, तब भी उसके दोस्त बहुत कम थे और लोगों से कम ही बातचीत करता था, लेकिन अब से तीन साल पहले वो गांव छोड़कर पानीपत चला गया था, जहां उसके दादा जी रहते थे. करीब 6 महीने पहले वो एक बार घर आया था, लेकिन इसके बाद उसे गांववालों ने दोबारा तभी देखा, जब उसकी तस्वीरें 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ पर हुए हमले के बाद टीवी के पर्दे पर दिखाई पड़ी. पुलिस को तफ्तीश में पता चला है कि वारदात को अंजाम देने से पहले वो प्रयागराज के ही एक होटल में काम करता था. जहां लवलेश और सनी ने उससे मुलाकात की थी. लेकिन दोनों को अरुण से किसने मिलवाया और कैसे तीनों अतीक और अशरफ के कत्ल के मामले पर एक राय हुए, ये एक बड़ा सवाल है.
अब तक की तफ्तीश से ये साफ हो गया है कि तीनों हमलावरों में से दो ने तुर्की में बनी 9 एमएम जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया. ये पिस्टल ना सिर्फ भारत में प्रतिबंधित है, बल्कि एक जिगाना पिस्टल की कीमत 6 से 7 लाख रुपये है. जबकि ये भी एक सच्चाई है कि इस वारदात को अंजाम देने वाले तीनो लड़के गरीब घरों से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में इन तीनों के पास इतने महंगे और अत्याधुनिक हथियार कहां से आए? पुलिस को आशंका है कि ये वारदात सिर्फ इन तीनों के दिमाग़ की उपज नहीं, बल्कि इसके पीछे और भी लोगों का हाथ हो सकता है.
छानबीन में पता चला है कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले तीनों ने दिल्ली-एनसीआर में थोड़ा वक्त गुजारा था. यानी तीनों दिल्ली में एक-दूसरे से मिले थे. सवाल ये है कि कहां और क्यों? क्या दिल्ली में इनकी किसी ऐसे हैंडलर से मुलाकात हुई, जिसके इशारे पर तीनों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया? पानीपत में रहने वाले अरुण के दादा ने बताया कि अरुण 9 अप्रैल को एक दोस्त की शादी में जाने की बात कहकर जल्दबाजी में दिल्ली के लिए निकल गया था. इसके बाद उसका मोबाइल फोन नॉट रीचेबल हो गया और फिर उसके बारे में पता ही नहीं चला. इसी तरह पुलिस को वारदात से कुछ रोज़ पहले लवलेश और सनी के भी दिल्ली आने की खबर मिली है. ऐसे में पुलिस अब तीनों के दिल्ली कनेक्शन का पता लगाने की कोशिश कर रही है. टेक्निकल सर्विलांस की मदद से वो ये जानना चाहती है कि आखिर ये तीनों दिल्ली-एनसीआर में कहां रहे और किससे मिले?
अतीक और अशरफ के कत्ल में शामिल तीनों आरोपियों के नाम उत्तर भारत के बड़े गैंगस्टरों से भी जुड़ने लगे हैं. खासकर हिस्ट्रीशीटर मोहित सिंह उर्फ सनी का. सनी ने पूछताछ में बताया है कि वो पहले यूपी के दुर्दांत क्रिमिलन श्रीप्रकाश शुक्ला का बड़ा फैन हुआ करता था और इन दिनों वो दिल्ली और पंजाब के बड़े गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से काफी प्रभावित है. पूछताछ में सनी ने बताया कि उसने पिछले दिनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू देखा था और उसके बाद से वो लॉरेंस की तरह बनना चाहता था. यहां खास बात ये भी है कि लॉरेंस और उसकी गैंग के शूटर जिगाना पिस्टल का खुलकर इस्तेमाल करते रहे हैं. यहां तक कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में भी इसी पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था. इधर. अतीक और अशरफ के कत्ल में भी जिगाना पिस्टल का ही यूज हुआ. ऐसे में शक पैदा होता है कि कहीं ये तीनों आरोपी भी कहीं लॉरेंस या उसके गैंग के संपर्क में तो नहीं थे? खबरों की मानें तो इससे पहले हमीरपुर जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई थी. ऐसे में शक ये भी जताया जा रहा है कि कहीं अहमद बंधुओं के शूटआउट में इन बडे गैंगस्टर्स का कोई रोल तो नहीं है? फिलहाल, यूपी पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर तीनों हमलावरों को प्रयागराज के नैनी जेल से यूपी की ही प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो वो जल्द इन आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ करने की तैयारी में है, ताकि इन अनसुलझी कड़ियों को जोड़कर पूरी साजिश का खुलासा हो सके.