वाराणसी। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु की ओर बढ़ने लगा है। पानी अब तेजी से शहर की कॉलोनियों की ओर बढ़ रहा है। बाढ़ से गांव रामपुर ढाब , सात कॉलोनियों और सदर तहसील का इलाका प्रभावित हो चुका है।
शनिवार की शाम बाढ़ का पानी मारुति नगर इलाके तक पहुंच गया। शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 70.02 मीटर दर्ज किया गया जो कि चेतावनी बिंदु से 24 सेंटीमीटर नीचे है। इससे कॉलोनी में रहने वालों को घरों का सामान निकालने का भी मौका नहीं मिला। केंद्रीय बाढ़ आयोग की ओर से जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार दिन में तीन बजे गंगा का जलस्तर 69.96 मीटर दर्ज किया गया जो कि चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से 30 सेंटीमीटर नीचे था। गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा नदी का खतरे का निशान 71.26 मीटर है। वहीं रामपुर ढाब इलाका भी बाढ़ के पानी से घिर चुका है। इसके अलावा सलारपुर, सरैया, नक्खीघाट, ढेलवरिया, दनियालपुर, हुकुलगंज वार्ड भी बाढ़ प्रभावित हो चुका है। बाढ़ के कारण 142 परिवार के 727 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। इसमें से 65बाढ़ राहत शिविर में हैं और 74सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं। वर्तमान में बाढ़ राहत शिविर में 339 लोग और अन्य स्थानों पर 388 लोग रह रहे हैं। लोहता क्षेत्र के भरथरा, बेदौली, मथुरापुर में वरुणा नदी के पानी में घर और फसलें डूब गई हैं। मणिकर्णिका घाट की गलियों तक पहुंची गंगा, आधे घंटे इंतजार के बाद शवदाह : मणिकर्णिका घाट पर गंगा का जलस्तर गलियों तक पहुंच गया है। शवों की कतार सतुआ बाबा आश्रम के गेट तक लग गई है। एक शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लगभग आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। सामने घाट स्थित ज्ञान प्रवाह नाले पर बने चैनल गेट के चौथे नंबर फाटक में शुक्रवार को रात में पत्थर का टुकड़ा फंसने से गेट खुल गया। इससे पानी नाले से होकर करीब दो किलोमीटर अंदर तक पहुंच गया। शनिवार सुबह पहुंचे गोताखोरों ने काफी मशक्कत के बाद 11:00 बजे फंसे पत्थर के टुकड़े को बाहर निकाला। सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सिद्धार्थ कुमार सिंह ने बताया कि नाले पर लगा गेट ऑटोमैटिक है। पानी के दबाव से खुलता-बंद होता है। इसी दौरान उसमें पत्थर का टुकड़ा फंस गया। 46 स्कूल बने बाढ़ चौकी : जिले के 46 माध्यमिक और परिषदीय विद्यालयों को बाढ़ चौकी बनाया गया है। इन चौकियों में बाढ़ से प्रभावित लोगों के रहने और भोजन-पानी की व्यवस्था की जाएगी। इन विद्यालयों में पढ़ने करीब दस हजार से अधिक विद्यार्थियों को पास के विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा।