ईरान के रिवोल्यूशनरी कोर्ट ने एक सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी को मौत की सजा और और पांच अन्य को जेल की सजा सुनाई है. राज्य मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी. ईरान की न्यायपालिका से जुड़ी एक समाचार वेबसाइट मिजान ने कहा कि प्रदर्शनकारी को एक सरकारी भवन में आग लगाने के आरोप में मौत की सजा दी गई, जबकि पांच को कथित राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन के लिए जेल की सजा सुनाई गई है.
1979 में हुई रिवोल्यूशनरी कोर्ट की स्थापना
मिजान ने कहा कि रिवोल्यूशनरी कोर्ट की अलग-अलग शाखाओं ने फैसले जारी किए, लेकिन मुकदमे पर प्रदर्शनकारियों के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अदालत की स्थापना 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद की गई थी और इसे ईरान के लिपिक शासकों का विरोध करने वालों को कठोर दंड देने के लिए जाना जाता है. ईरान पहले ही हिरासत में लिए गए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के लिए अभियोग जारी कर चुका है और कह रहा है कि वह उनके लिए पब्लिक ट्रायल करेगा.
विरोध प्रदर्शनों को पूरे हुए 7 हफ्ते
बता दें कि सरकार विरोधी प्रदर्शन अपने आठवें सप्ताह में प्रवेश कर चुके हैं. यह विरोध प्रदर्शन 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद शुरू हुआ था. महसा अमिनी को महिलाओं के लिए देश के सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के बाद हिरासत में लिया गया था.
अब तक 300 लोगों की मौत
ओस्लो स्थित ईरान मानवाधिकार के अनुसार, रिवोल्यूशनरी गार्ड के साथ अर्धसैनिक स्वयंसेवकों सहित सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनों पर हिंसक रूप से हमला किया है, जिसमें दर्जनों बच्चों सहित 300 से अधिक लोग मारे गए हैं. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रव्यापी अशांति में 40 से अधिक सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं.