बदलापुर। ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर में ताला लगने की खबर से ग्रामीणों में गहरी चिंता फैल गई। बुधवार को स्कूल परिसर में ग्राम सभा की खुली बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण, अभिभावक और बच्चे मौजूद रहे। बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि यदि स्कूल बंद हुआ तो गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाएगी। गांव की भौगोलिक स्थिति—एक ओर पीली नदी व जंगल, दूसरी ओर हाईवे और रेलवे लाइन—बच्चों के लिए खतरनाक है। ऐसे में दूर के स्कूलों में भेजना न केवल जोखिमभरा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी मुश्किल है। बैठक में संविधान के अनुच्छेद-45 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए बताया गया कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा देना राज्य का दायित्व है, लेकिन सरकार खुद अपने नियमों की अनदेखी कर रही है। ग्रामीणों ने चिंता जताई कि यदि प्रदेशभर में हजारों स्कूल बंद किए गए, तो गरीब बच्चों, शिक्षकों, मिड-डे मील वर्कर्स और शिक्षित बेरोजगारों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। वहीं, निजी स्कूलों की फीस और मनमानी भी बेकाबू हो सकती है। बैठक में ‘सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समितिÓका गठन किया गया। जिसमें माधवेंद्र मिश्र और संतोष प्रजापति को संयोजक नियुक्त किया गया। समिति द्वारा जनसंपर्क और हस्ताक्षर अभियान चलाकर अधिक से अधिक बच्चों के दाखिले बढ़ाने व सरकार तक मांग पहुंचाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान दीपचंद खरवार, एडवोकेट मिथिलेश मौर्य, मृदुल दूबे, अशोक खरवार, संजय यादव, राजकुमार मौर्य, राहुल गुप्ता, पूनम प्रजापति समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।
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सरकारी स्कूल बंद होने की आशंका से ग्रामीणों में चिंता, बचाव के लिए संघर्ष समिति गठित

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