सिकरारा। कलवारी गाँव में भारत में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के जनक और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पूर्व कुलपति डॉ.लालजी सिंह का 78वां जन्मदिवस डॉ.लालजी सिंह रिसर्च सेंटर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर डॉ.आशीष सिंह के नेतृत्व में वैज्ञानिकों, शोध छात्रों और स्थानीय ग्रामीणों ने डॉ.सिंह के वैज्ञानिक योगदान और उनकी सामाजिक विरासत को याद किया। कार्यक्रम में उनके द्वारा स्थापित जीनोम फाउंडेशन के कार्यों और ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के उनके दृष्टिकोण पर चर्चा हुई। मुख्य आयोजक डॉ.आशीष सिंह ने कहा, डॉ.लालजी सिंह न केवल एक महान वैज्ञानिक थे, बल्कि अपनी माटी के प्रति गहरी निष्ठा रखने वाले सच्चे सपूत थे। उनके डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के कार्य ने भारत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित किया। उन्होंने बताया कि डॉ.लालजी सिंह रिसर्च सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत जैव प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो डॉ.सिंह के जीनोम फाउंडेशन के सपने को साकार करता है। कार्यक्रम में डॉ. लालजी सिंह रिसर्च सेंटर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें उनके शोध कार्यों, विशेष रूप से बंधेड क्रैट (सांप) के डीएनए अध्ययन और भारतीय आबादी के जीनोमिक्स पर उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। स्थानीय ग्रामीणों ने भी डॉ.सिंह को अपनी माटी का गौरव बताते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। डॉ.आशीष सिंह ने बताया कि रिसर्च सेंटर ग्रामीण भारत में जेनेटिक डायग्नोस्टिक्स को सुलभ बनाने के लिए कार्यरत है। संगोष्ठी में उपस्थित वैज्ञानिकों ने डॉ.सिंह के जीनोम फाउंडेशन के दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना था। डॉ सिंह ने कहा डॉ.सिंह की सादगी और समर्पण हमें सिखाता है कि विज्ञान का असली उद्देश्य समाज की सेवा है। कार्यक्रम में स्थानीय स्कूलों के छात्रों ने भी भाग लिया। 2004 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने मांग की कि उनकी स्मृति में मरणोपरांत पद्मविभूषण प्रदान किया जाए, ताकि उनकी विरासत को और सम्मान मिले। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2020 में जौनपुर में एक सड़क और अस्पताल को उनके नाम पर समर्पित करने की घोषणा की थी। डॉ.आशीष सिंह ने घोषणा की कि डॉ.लालजी सिंह रिसर्च सेंटर में जल्द ही एक नया जेनेटिक्स प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जो स्थानीय युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित करेगा।
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मनाया गया डॉ.लालजी सिंह का 78वां जन्म दिवस
